National Herald Case : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, और सुमन दुबे के खिलाफ एक सनसनीखेज चार्जशीट दाखिल की है। यह मामला भारतीय राजनीति में तूफान ला रहा है, क्योंकि इसमें गांधी परिवार पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए गए हैं। सोनिया-राहुल पर ईडी की चार्जशीट, 661 करोड़ की संपत्ति जब्त, वाड्रा से पूछताछ के बाद यह मामला गर्माता जा रहा है।
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क्या है पूरा मामला: नेशनल हेराल्ड, 1938 में जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित एक ऐतिहासिक अखबार है, जिसे एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) प्रकाशित करता है। 2010 में, आर्थिक संकट से जूझ रहे एजेएल को यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YIL) ने अधिग्रहण कर लिया, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 76% हिस्सेदारी (प्रत्येक के पास 38%) है। इस अधिग्रहण पर विवाद तब शुरू हुआ, जब 2013 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने याचिका दायर कर आरोप लगाया कि यंग इंडियन ने 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियों को केवल 50 लाख रुपए में हासिल किया, जो एक "धोखाधड़ी" थी। स्वामी ने इसे "आपराधिक साजिश" करार देते हुए दावा किया कि कांग्रेस नेताओं ने सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया।
कब क्या हुआ: चार्जशीट दाखिल (9 अप्रैल, 2025): ईडी ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, यंग इंडियन, और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। सोनिया और राहुल को क्रमशः आरोपी नंबर 1 और 2 के रूप में नामित किया गया है। यह पहली बार है जब गांधी परिवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में चार्जशीट दाखिल हुई है। चार्जशीट में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 की धारा 3, 4, 44, 45, और 70 के तहत आरोप शामिल हैं, जिनमें अधिकतम 7 साल की सजा हो सकती है।
अदालत की कार्यवाही (15 अप्रैल, 2025): विशेष न्यायाधीश विशाल गोग्ने ने चार्जशीट की जांच की और मामले को संज्ञान (cognisance) के लिए 25 अप्रैल, 2025 की तारीख तय की। ईडी को केस डायरी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। कोर्ट ने यह भी नोट किया कि इस मामले का मूल अपराध (predicate offence) सीबीआई द्वारा धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के तहत जांचा जा रहा है, और दोनों मामलों को एक ही अदालत में सुनवाई के लिए स्थानांतरित करने की आवश्यकता हो सकती है।
संपत्तियों का कब्जा (11 अप्रैल, 2025): ईडी ने दिल्ली, मुंबई, और लखनऊ में एजेएल और यंग इंडियन से जुड़ी 661 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को कब्जे में लेने के लिए नोटिस जारी किए। इनमें दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित प्रतिष्ठित हेराल्ड हाउस, मुंबई के बांद्रा में संपत्ति, और लखनऊ में एजेएल भवन शामिल हैं। इसके अलावा, एजेएल के 90.2 करोड़ रुपए के शेयर भी अटैच किए गए। नोटिस में बांद्रा की संपत्ति के किराएदार, जिंदल साउथ वेस्ट प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, को किराया ईडी को ट्रांसफर करने का आदेश दिया गया। यह कार्रवाई PMLA की धारा 8 और नियम 5(1) के तहत की गई।
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आरोपों का विवरण: ईडी का दावा है कि यंग इंडियन ने 2,000 करोड़ रुपए की संपत्तियों को केवल 50 लाख रुपए में हासिल किया, जो उनकी वास्तविक कीमत से काफी कम था। जांच में पाया गया कि इन संपत्तियों का इस्तेमाल 18 करोड़ रुपए की फर्जी दान राशि, 38 करोड़ रुपए की फर्जी अग्रिम किराए, और 29 करोड़ रुपए की फर्जी विज्ञापनों के जरिए "अपराध की आय" (proceeds of crime) उत्पन्न करने के लिए किया गया। कुल मिलाकर, ईडी ने 988 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है।
रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ (15 अप्रैल, 2025): उसी दिन, ईडी ने प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा से गुरुग्राम के 2008 के शिकोहपुर भूमि सौदे से जुड़े एक अन्य मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 6 घंटे तक पूछताछ की। वाड्रा को 16 अप्रैल को फिर से बुलाया गया। उन्होंने इसे "राजनीतिक प्रतिशोध" करार दिया और कहा कि वह पहले भी घंटों सवालों का जवाब दे चुके हैं। वाड्रा समर्थकों के साथ ईडी मुख्यालय पैदल पहुंचे, जहां उनके समर्थकों ने "जब मोदी डरता है, ईडी को आगे करता है" के नारे लगाए।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया: कांग्रेस ने चार्जशीट को "राजनीतिक बदले की कार्रवाई" और "मोदी-शाह की साजिश" करार दिया। जयराम रमेश ने X पर लिखा, "नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को जब्त करना एक राज्य-प्रायोजित अपराध है। सोनिया और राहुल के खिलाफ चार्जशीट बदले की राजनीति का हिस्सा है।" अभिषेक मनु सिंघवी ने इसे "बिना धन हस्तांतरण के आधारहीन" बताया, जबकि केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह "विपक्ष को चुप कराने की कोशिश" है। कांग्रेस ने 16 अप्रैल को देशभर में ईडी कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन की घोषणा की।
नए खुलासे: ईडी ने अपनी चार्जशीट में यंग इंडियन, डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड, और सुनील भंडारी को भी आरोपी बनाया है। जांच में सामने आया कि कांग्रेस पार्टी ने एजेएल को 90.21 करोड़ रुपए का ब्याज-मुक्त ऋण दिया, जिसे कभी चुकाया नहीं गया। इस ऋण का इस्तेमाल यंग इंडियन द्वारा एजेएल की शेयरहोल्डिंग हासिल करने के लिए किया गया।
नेशनल हेराल्ड केस की पूरी टाइमलाइन
1938: नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना पंडित जवाहरलाल नेहरू और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा हुई।
2008: वित्तीय कठिनाइयों के कारण नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन बंद हुआ।
2010: यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YIL) का गठन, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी के पास 76% शेयर।
2011 : यंग इंडियन ने 50 लाख रुपए में AJL की 99.99% हिस्सेदारी हासिल की।
1 नवंबर 2012 : सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली की अदालत में सोनिया, राहुल और अन्य के खिलाफ निजी शिकायत दर्ज की।
26 जून 2014 : दिल्ली की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने स्वामी की शिकायत पर संज्ञान लिया और समन जारी किया।
2014 : सोनिया और राहुल गांधी ने दिल्ली हाई कोर्ट में समन के खिलाफ याचिका दायर की, जिसे खारिज कर दिया गया.
2015 : सुप्रीम कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप से इनकार किया और स्वामी को हाई कोर्ट में अपील करने को कहा।
दिसंबर 2015 : दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सोनिया, राहुल और अन्य आरोपियों को जमानत दी।
2018 : आयकर विभाग ने यंग इंडियन और AJL की वित्तीय गतिविधियों की जांच शुरू की।
2022: ED ने सोनिया और राहुल गांधी से पूछताछ की; कांग्रेस ने इसे "राजनीतिक प्रतिशोध" करार दिया।
2023: ED ने दिल्ली, मुंबई, और लखनऊ में AJL की 751.9 करोड़ रुपए की संपत्तियों को अटैच किया।
अप्रैल 2024 : PMLA प्राधिकरण ने ED के संपत्ति अटैचमेंट को मंजूरी दी।
9 अप्रैल 2025 : ED ने सोनिया, राहुल, सैम पित्रोदा, और सुमन दुबे के खिलाफ PMLA के तहत चार्जशीट दाखिल की।
25 अप्रैल 2025 : मामला दिल्ली की विशेष अदालत में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध।
राजनीतिक तनाव: यह मामला 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद और गर्म हो गया है। कांग्रेस इसे विपक्ष को कमजोर करने की साजिश बता रही है, जबकि भाजपा इसे "कानून का पालन" करार दे रही है।
कानूनी परिणाम: यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो PMLA के तहत सात साल तक की सजा हो सकती है। हालांकि, मामला अभी प्रारंभिक चरण में है।
कांग्रेस की रणनीति: कांग्रेस ने इसे जनता के बीच ले जाने की योजना बनाई है, जिसमें विरोध प्रदर्शन और कानूनी लड़ाई शामिल है।
नेशनल हेराल्ड केस में ईडी की ताजा चार्जशीट और संपत्तियों के कब्जे ने गांधी परिवार को सियासी तूफान के केंद्र में ला दिया है। रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ ने मामले को और सनसनीखेज बना दिया है। 25 अप्रैल, 2025 की सुनवाई इस मामले में अगला बड़ा मोड़ होगी। क्या यह कानूनी कार्रवाई है या राजनीतिक प्रतिशोध? यह सवाल भारतीय राजनीति को लंबे समय तक झकझोरता रहेगा।