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Last Updated :पुणे , गुरुवार, 24 अप्रैल 2025 (20:50 IST)

Pahalgam Terror Attack : बिंदी हटाई, लगाए अल्लाहू अकबर के नारे, नहीं बच सकी पति की जान, बैसरन में ऐसे बरसीं गोलियां

पहलगाम में आतंकवादी हमले में पुणे की महिला ने पति को खोया। परिवार ने हमलावरों की कायरता की निंदा की और कार्रवाई की मांग की।

Pahalgam Terror Attack : बिंदी हटाई, लगाए अल्लाहू अकबर के नारे, नहीं बच सकी पति की जान, बैसरन में ऐसे बरसीं गोलियां - pahalgam terrorist attack pune kaustubh ganbote wife tells full story
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में अपने को खोने वाले परिजन वो खौफनाक लम्हों को याद कर अपनी सुधबुध खो देते हैं। ऐसे ही अपने पति को खोने वाली पुणे की एक महिला ने आतंक के उन चंद घंटों की कहानी सुनाई जो आपके कलेजे को चीर कर रख देगी। महिला ने कहा कि जब हमलावरों को पुरुषों से ‘अजान’ पढ़ने के लिए कहते देखा तो उन्होंने और समूह की अन्य महिलाओं ने तुरंत अपने माथे से बिंदी हटा दी और ‘अल्लाहु अकबर’ कहना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि लेकिन अपनी धार्मिक पहचान छिपाने के ये प्रयास विफल हो गए, क्योंकि बंदूकधारी आतंकवादियों ने महिला के पति और उसके मित्र को भी नहीं बख्शा।
भयावह मंजर के बारे में बताया
मंगलवार को पहलगाम के निकट बैसरन में आतंकवादियों के हमले में मारे गये 26 लोगों में शामिल कौस्तुभ गणबोटे की पत्नी संगीता गणबोटे ने कहा कि जब एक स्थानीय मुस्लिम व्यक्ति ने हमलावरों से पूछा कि वे निर्दोष लोगों को क्यों मार रहे हैं, तो उन्होंने उसे भी गोली मार दी। गणबोटे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) शरद पवार को हमले के भयावह मंजर के बारे में बताया। पवार शोक संतप्त परिवार से मिलने गए थे, जहां उन्होंने दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुस्लिम को भी मारी गोली
कौस्तुभ गणबोटे के अलावा उनके बचपन के दोस्त संतोष जगदाले भी आतंकी हमले में मारे गए। दोनों परिवार एक साथ कश्मीर की यात्रा पर आये थे, तभी चार हथियारबंद आतंकवादियों के समूह ने उन्हें बैसरन में रोका और उनसे धर्म से संबंधित सवाल पूछने लगे। संगीता गनबोटे ने भावुक होते हुए कहा कि आतंकवादी सभी से ‘अजान’ पढ़ने पर जोर दे रहे थे। समूह की सभी महिलाओं ने इसे पढ़ना शुरू कर दिया, लेकिन फिर भी उन्होंने हमारे पुरुषों को मार डाला। एक स्थानीय मुस्लिम व्यक्ति चारों आतंकवादियों से भिड़ गया और उनसे पूछा कि वे निर्दोष लोगों की हत्या क्यों कर रहे हैं? आतंकवादियों ने उसे भी गोली मार दी।’’
 
उन्होंने कहा कि जब मेरे पति के दोस्त (जगदाले) को आतंकवादियों ने बुलाया और पूछा कि क्या वह ‘अजान’ पढ़ सकता है, तो समूह की सभी महिलाओं ने तुरंत अपने माथे से बिंदी हटा दी और ‘अल्लाहु अकबर’ कहना शुरू कर दिया। लेकिन आतंकवादियों ने उन दोनों (जगदाले और गणबोटे) को मार डाला और वहां से भाग गए। पीड़ित जगदाले की बेटी असावरी और उनकी मां प्रतिभा ने भी पवार को भयावह मंजर के बारे में बताया।
 
सिर, आंख और छाती में मारी गोली
परिवार ने पवार को बताया कि चार से पांच आतंकवादी कहीं से आए और हमसे पूछने लगे कि हम हिन्दू हैं या मुसलमान और पूछा कि क्या कोई मुसलमान है जो कलमा पढ़ सकता है। उन्होंने बताया कि लोगों को सिर, आंख और छाती में गोली मारी गयी थी।
 
जगदाले की पत्नी ने बताया कि आतंकवादी हमले के समय वहां कोई सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था। उन्होंने कहा कि हम मदद के लिए चिल्लाने की स्थिति में भी नहीं थे, क्योंकि बंदूकधारी आतंकवादी चारों ओर खड़े थे। उन्होंने यह भी कहा कि जब उनके पति और गणबोटे को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया तो उन्हें काफी देर तक उनके स्वास्थ्य के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। प्रतिभा जगदाले ने कहा कि रात 10 बजे तक हमें बताया गया कि वे जीवित हैं। बाद में हमें बताया गया कि वे मर चुके हैं।’’
उन्होंने सरकारी अधिकारियों से आग्रह किया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए इस क्षेत्र को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया जाए। प्रतिभा जगदाले ने कहा, ‘‘अब हम क्या करें, मैंने अपने पति को खो दिया है...मेरी बेटी ने अपने पिता को खो दिया है। उन्होंने मांग की कि पुरुषों की उनकी पत्नियों और बच्चों के सामने हत्या करने वाले अपराधियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
 
उन्होंने बताया कि कश्मीर में यह उनका पहला दिन था। उन्होंने बताया, ‘‘छोटे बच्चे रो रहे थे। घटनास्थल से नीचे आते समय हम चल नहीं पा रहे थे और कीचड़ में गिर गए। इसके बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में पवार ने कहा कि वह पहलगाम हमले में मारे गए पुणे के दो निवासियों संतोष जगदाले और कौस्तुभ गणबोटे के घर गये और उन्होंने दोनों पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी और उनके शोकाकुल परिजनों से बात की और जाना कि क्या हुआ।
 
उन्होंने कहा कि इस कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले में कई निर्दोष भारतीयों की जान चली गई है, जिनमें डोंबिवली के अतुल मोने, संजय लेले और हेमंत जोशी तथा पनवेल के दिलीप देसले शामिल हैं। मैं उन सभी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।’’ इस हमले को ‘ दिल दहला देने वाला’  बताते हुए पवार ने कहा कि यह बेहद परेशान करने वाली बात है कि निर्दोष पर्यटक इस जघन्य कृत्य का शिकार बन गए।
 
उन्होंने कहा कि मैं इस घृणित आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। यह जरूरी है कि हम आतंकवाद के ऐसे कृत्यों को रोकने और अपने देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कड़े कदम उठाएं।’’ इनपुट भाषा Edited by: Sudhir Sharma
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