जन्मदिन मनाने गए थे, 12 साल का बेटे के सामने पिता को गोलियों से भून दिया, एक पल में ऐसे बदल गई बेटे की जिंदगी
पहलगावं अटैक में 26 लोगों की मौत हो गई। इन्हीं में से एक शैलेश कलठिया भी इन आतंकियों की गोली का शिकार हो गए। वे मुंबई से परिवार के साथ खास अपना जन्मदिन मनाने के लिए कश्मीर पहुंचे थे, लेकिन यह उनका आखिरी जन्मदिन हो गया। 44 साल के शैलेश अपनी पत्नी शीतल, बेटी नीति और बेटे नक्षत्र के साथ मुंबई से कश्मीर घूमने गए थे, लेकिन मंगलवार को पहलगाम में घूमते हुए कि कुछ ऐसा हुआ कि हंसते खेलते इस परिवार की खुशियां चकनाचूर हो गईं।
पुरुषों को अलग-अलग लाइन में खड़ा कर कलमा पढ़ने को कहा : 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने उसकी जिंदगी बदल दी, जिसमें उसके पिता शैलेश कलठिया की जान चली गई। नक्ष ने उस दिन की डरावनी यादें साझा करते हुए बताया कि उसने अपनी मां के साथ एक पेड़ के पीछे छुपने की कोशिश की, लेकिन आतंकियों ने उन्हें ढूंढ लिया। उसने देखा कि एक आतंकी, जिसके सिर पर कैमरा बंधा था, ने पुरुषों को अलग-अलग लाइन में खड़ा कर कलमा पढ़ने को कहा, जो नहीं पढ़ पाए, उन्हें गोली मार दी गई। नक्ष की मां ने उसे कसकर पकड़ रखा था, जिस वजह से आतंकियों ने उसे और अन्य बच्चों व महिलाओं को छोड़ दिया। हमले के बाद नक्ष और उसकी मां घायलों को बचाने की कोशिश में लगे रहे, लेकिन उसके पिता को बचाया नहीं जा सका।
कौन थे शैलेश मूल : बता दें कि शैलेश मूल अमरेली के रहने वाले थे और उनके परिवार सूरत में रहता था, जहां से उनकी बैंक की नौकरी की वजह से वह पिछले 1 साल से मुंबई में रह रहे थे। 44 साल के शैलेश अपनी पत्नी शीतल, बेटी नीति और बेटे नक्षत्र के साथ मुंबई से कश्मीर घूमने गए थे। लेकिन मंगलवार को पहलगाम में घूमते हुए कि कुछ ऐसा हुआ कि हंसते खेलते इस परिवार की खुशियां चकनाचूर हो गईं। पहलगाम में जब वह घुड़सवारी का आनंद ले रहे थे, तब यह आतंकी हमला हुआ और उसमें शैलेश को गोली लगी। उनकी मौत हो गई। हालांकि उनकी पत्नी और बच्चे सुरक्षित हैं।
गुजरात से ये भी नहीं रहे : भावनगर से यतीशभाई परमार, उनकी पत्नी काजलबेन और पुत्र स्मित कश्मीर आए थे। मंगलवार की शाम इनका संपर्क नहीं हो पाया था। बाद में काजलबेन सुरक्षित मिल गईं जबकि यतीशभाई और पुत्र स्मित की मौत की खबर आई। बता दें कि 45 साल के यतीशभाई एक हेयर सैलून चलाते थे और उनका 17 साल का बेटा स्मित 11वीं कक्षा में पढ़ाई करता था। उनके परिवार के लोगों ने बताया कि वह मोरारी बापू की कथा में शामिल होने के लिए श्रीनगर गए थे और वहां से फिर घूमने गए थे। कल शाम को उन्हें जानकारी मिली थी कि पिता-पुत्र घायल हुए थे और आज सुबह उनकी मौत की जानकारी मिली।
परिवारवालों को ही मारा : पहलगाम में हमले के वक्त आतंकियों ने नकली वर्दी पहनी हुई थी, इसलिए शुरुआत में किसी भी पर्यटक को उन पर शक नहीं हुआ। लेकिन थोड़ी देर बाद ही, जब उन्होंने हिंदू पर्यटकों की पहचान पूछ कर उन पर फायरिंग शुरू कर दी, तो मौके पर भगदड़ मच गई। आतंकियों ने जानबूझकर ऐसे हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया, जो अपनी पत्नी या परिवार के साथ आए थे। इस आतंकी हमले की तस्वीरें और वीडियो बहुत भयानक हैं। इस वीडियो में जिन महिलाओं के पतियों पर आतंकवादी हमला हुआ है, वो रोती और बिलखती हुई दिख रही हैं।
Edited By: Navin Rangiyal