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Last Updated : गुरुवार, 17 अप्रैल 2025 (19:05 IST)

शेड लगाने में फिर उलझी इंदौर नगर निगम की पिक्‍चर, CCTV कैमरों के सामने ही लगा मारे शेड

पहले महापौर और निगम आयुक्‍त में दिखी कॉर्डिनेशन कमी, अब किया ये बवंडर

shed in indore
धूप से बचाने के लिए इंदौर के चौराहों पर लगाए गए शेड के मामले में दूसरी बार इंदौर नगर निगम प्रशासन की पिक्‍चर उलझ गई। पहले तो महापौर ने शेड पर विज्ञापन लगाने का ऑफर दे डाला और आयुक्‍त ने विज्ञापन हटाने का नोटिस जारी कर के ये मैसेज दे दिया कि इंदौर निगम आयुक्‍त और महापौर के बीच कॉर्डिनेशन की कमी है। अब सामने आ रहा है कि जिन चौराहों पर वाहन चालकों को छांव देने के लिए शेड लगाए गए थे उनसे चौराहों पर लगे सीसीटीवी ही छुप गए।

बता दें कि ये कैमरे पुलिस द्वारा इसलिए लगाए गए थे कि ट्रैफिक नियमों को तोडने वाले वाहन चालकों को ट्रेस किया जा सके। दूसरा कोई क्रिमिनल घटना होती है तो वो कैमरों में कैद हो सके। लेकिन निगम प्रशासन के अधिकारियों का दिमाग देखिए कि शेड से कैमरे ही ढांप दिए।

भीषण गर्मी में वाहन चालकों को राहत देने के लिए इंदौर नगर निगम ने चौराहों पर टीन शेड लगवाए हैं। इनसे गर्मी से तो राहत मिल रही है, लेकिन पुलिस के द्वारा लगवाए गए कैमरों के सामने का पूरा व्यू ही छुपा दिया। 

इतने काम के कैमरे छुपा दिए शेड से : जाने वाले लोग कैमरों में कैद नहीं हो पा रहे हैं। बता दें कि ये कैमरे लगने के बाद बेहद अहम साबित हुए थे। इन कैमरों की मदद से इंदौर पुलिस ने अब तक 236 अपराधी पकड़े थे। खुद सीमए डॉ. मोहन यादव ने कहा था कि इंदौर में यह कैमरे 3 नवंबर 2023 से लगाए गए हैं। यह भी सामने आया था कि 1 जनवरी 2024 से लेकर अब तक 14 महीने में चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से इंदौर पुलिस ने 9.10 लाख चालान बनाए थे। इनमें दोपहिया वाहन के चालक द्वारा हेलमेट नहीं लगाए जाने के 8.90 लाख चालान बनाए गए हैं। बता दें कि इंदौर के चौराहों पर कुल 356 कैमरे लगे हैं। इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत इन्हें लगाया गया था, जिन पर 10 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।

विज्ञापनों से उठा शेड पर विवाद : नगर निगम ने विज्ञापनदाताओं से मदद लेकर चौराहों पर यह टीन शेड लगवाए और शेड लगते ही यह विवादों में आ गए। बहुत कम राशि खर्च कर कई बड़े ब्रांड्स ने यह शेड शहर के प्रमुख चौराहों पर लगवाए जिससे उन्हें खासा प्रचार मिल रहा है। चौराहों पर तेज गर्मी में खड़े रहना दो पहिया वाहन चालाकों के लिए परेशानी का कारण बन जाता है। ऐसे में वे चौराहे के पास पेड़ की छांव के नीचे रुक जाते हैं। ऐसे में ग्रीन नेट या इस तरह के शेड से धूप से बचाव हो जाता है।

लोग कर रहे आलोचना : लोग अब प्रशासन की आलोचना कर रहे हैं। एक यूजर अनंत परवानी का कहना है कि जब इन्‍हें लगाया गया था, तब क्‍या निगम प्रशासन सो रहा था। सब पैसों के लिए किया जा रहा है। वहीं एक यूजर ने कहा कि इंदौर प्रशासन की अक्‍ल देखो, जब छाव के लिए पेड लगाना चाहिए, तब शेड लगाए जा रहे हैं। शहर से किसी को मतलब नहीं है, बस राम भरोसे छोड दिया गया है शहर को। एक यूजर ने बताया कि विकास के नाम पर पडों की बलि ली जा रही है, और अब धूप से बचने के लिए शेड लगाए जा रहे हैं।    
रिपोर्ट : नवीन रांगियाल
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