इंदौर में प्रमुख चौराहों पर धूप और गर्मी से बचाने के लिए शेड लगाए गए हैं। यह शेड इसलिए लगाए गए थे कि ट्रैफिक सिग्नल पर खडे होने वाले वाहन चालकों को चिलचिलाती धूप से बचाया जा सके। लेकिन शेड लगाने वाली संस्थाओं ने अब इस शेड की आड़ में अपने विज्ञापन करना शुरू कर दिया है। ऐसे में इंदौर महापौर और निगम आयुक्त के आदेशों को लेकर शहर में जमकर कन्फ्यूजन नजर आ रहा है।
दरअसल, महापौर पुष्यमित्र भार्गव की पहल पर लगाए गए इन शेड को लेकर काफी सराहना की गई, कहा गया था कि शेड लगाओ और मुफ्त में अपने विज्ञापन भी डिस्प्ले करो। लेकिन बुधवार को निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने शेड पर लगाए गए विज्ञापनों को हटाने के आदेश जारी कर दिए। ऐसे में महापौर और निगम आयुक्त के आदेश एक दूसरे के खिलाफ नजर आ रहे हैं।
इस बारे में
वेबदुनिया ने
महापौर पुष्यमित्र भार्गव के
पीए शरद व्यास से चर्चा की। श्री व्यास ने बताया कि ऐसी कोई स्कीम नहीं थी, जिसमें कहा गया हो कि शेड लगाने पर विज्ञापन मुफ्त लगाने दिया जाएगा। हां, जनभागीदारी से चौराहों के सिग्नल पर शेड लगाने की योजना बनाई गई थी। उनका कहना है कि जिन लोगों ने शेड लगाए, उन्होंने शेड पर कुछ ज्यादा ही विज्ञापन डिस्प्ले कर डाले।
क्या कहा निगम आयुक्त ने : बता दें कि बुधवार को निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने कहा था कि जिन संस्थाओं ने शेड लगाए हैं, वे शेड पर से अपने विज्ञापन हटा लें, अगर वे विज्ञापन नहीं हटाते है तो नगर निगम इन शेड पर सफेद रंग पुतवा देगा।
मीटिंग में तय होगा कितना स्पेस मिलेगा : शरद व्यास ने बताया कि शेड लगाने पर विज्ञापन मुफ्त लगाने की बात किसने कही इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। लेकिन मैं अधिकारिक तौर पर बता रहा हूं कि जनभागीदारी में शेड लगाए गए हैं, लेकिन व्यापारियों ने कुछ ज्यादा ही विज्ञापन लगा दिए, इसलिए अब बैठक रखी गई है, जिसमें तय होगा कि विज्ञापन के लिए कितना स्पेस दिया जाएगा।
क्या कॉर्डिनेशन की कमी है : बता दें कि कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया में यह पोस्टर भी वायरल हुए थे कि शेड लगाने वालों के लिए शेड पर विज्ञापन मुफ्त होगा, इसे लेकर एक पोस्टर में तो यह भी कहा गया था कि इस स्कीम के लिए 125 आवेदन भी आए हैं, जो फ्री में विज्ञापन लगाने की शर्त पर शेड लगाने के लिए तैयार है। अब यह सच था या अफवाह थी यह तो निगम अधिकारी और महापौर ही बता सकते हैं, हालांकि आयुक्त और महापौर के अलग अलग आदेशों पर शहर के लोगों में एक भ्रांति तो जरूर फैल गई। कहा जा रहा है कि महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगम आयुक्त शिवम वर्मा में कॉर्डिनेशन की कमी है।
कहां और क्यों लगाए गए शेड : बता दें कि शहर के कुछ चौराहों पर जैसे पलासिया, हाईकोर्ट चौराहा आदि जगह पर संस्थाओं द्वारा शेड लगाए गए हैं। हालांकि ये शेड लोगों को गर्मी में धूप से बचाने के लिए लगाए गए है। मगर इन शेड पर विज्ञापन लगा दिए गए हैं, जिसे लेकर नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने इन शेड को लगाने वालों को चेतावनी दी थी। लोगों और आम वाहन चालकों को गर्मी से बचाने के लिए ये शेड लगाए गए थे।
लोग कर रहे आलोचना : लोग अब प्रशासन की आलोचना कर रहे हैं। एक यूजर अनंत परवानी का कहना है कि जब इन्हें लगाया गया था, तब क्या निगम प्रशासन सो रहा था। सब पैसों के लिए किया जा रहा है। वहीं एक यूजर ने कहा कि इंदौर प्रशासन की अक्ल देखो, जब छाव के लिए पेड लगाना चाहिए, तब शेड लगाए जा रहे हैं। शहर से किसी को मतलब नहीं है, बस राम भरोसे छोड दिया गया है शहर को। एक यूजर ने बताया कि विकास के नाम पर पडों की बलि ली जा रही है, और अब धूप से बचने के लिए शेड लगाए जा रहे हैं।
Edited By: Navin Rangiyal