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Last Updated :इंदौर , गुरुवार, 24 अप्रैल 2025 (22:50 IST)

'आई लव व्हीट' थीम के साथ इंदौर में शुरू हुआ गेहूं उद्योग का महामंथन

'आई लव व्हीट' थीम के साथ इंदौर में शुरू हुआ गेहूं उद्योग का महामंथन - Maha Manthan of wheat industry started in Indore
WPPS Conclave 2025 : व्हीट प्रोडक्ट प्रमोशन सोसाइटी (WPPS) द्वारा आयोजित सीईओ कॉन्क्लेव 2025 के पहले दिन देश-विदेश से आए विशेषज्ञों और उद्योग से जुड़े दिग्गजों ने अपने अनुभवों, विचारों और समाधान आधारित दृष्टिकोण को साझा किया। इस वर्ष कॉन्क्लेव का मुख्य विषय सतत विकास और बाज़ार नेतृत्व के लिए सहयोग था। दुनियाभर से आए विशेषज्ञों ने भारत के गेहूं क्षेत्र के भविष्य को लेकर गहन, दूरदर्शी और नवाचार से परिपूर्ण विचार प्रस्तुत किए।

डबल्यूपीपीएस के चेयरमैन अजय गोयल ने पहले दिन के सत्रों के बारे में कहा, आज का दिन बेहद सफल, विचारशील और प्रेरणादायक रहा। हमें गर्व है कि इस मंच पर देश और विदेश की प्रमुख हस्तियों ने अपने अनुभवों और दृष्टिकोणों को साझा कर गेहूं उद्योग के विकास की दिशा को और अधिक स्पष्ट किया।

गोयल ने आगे कहा, गेहूं एक ऐसी फसल है, एक ऐसा अनाज है जिसे हम सदियों से खाते आ रहे हैं। मानव के विकास के इतिहास से लेकर अब तक गेहूं लगातार हमारी संस्कृति में बना हुआ है। लेकिन किसान, प्रोसेसर और अंतिम उपभोक्ता के बीच कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं। इन्हीं सभी मुद्दों पर खुले रूप से चर्चा करने के उद्देश्य से हमने इस कॉन्क्लेव का आयोजन किया।

हमने इसकी थीम ‘आई लव व्हीट’ रखा ताकि हम गेहूं पर विस्तृत चर्चा कर सकें और लोगों को इसके बारे में अधिक से अधिक जागरूक कर सकें। गेहूं के उत्पादन, किस्मों, संभावित बाज़ार और नवाचार पर सार्थक विचार-विमर्श करते हुए पहले दिन की प्रमुख चर्चाओं में 'जलवायु-प्रतिरोधी गेहूं किस्में– गेहूं उत्पादन का भविष्य सुरक्षित करना' विषय पर विशेष जोर दिया गया, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि टिकाऊ और मौसम-प्रतिरोधी खेती के लिए इनोवेशन आवश्यक हैं।

प्रोसेसिंग में चली आ रही पुरानी रीतियां– कार्बन फुटप्रिंट और खाद्य अपव्यय में कमी सत्र में पारंपरिक प्रोसेसिंग तकनीकों की पुनर्व्याख्या करते हुए पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने पर बल दिया गया। इसके अलावा, 'बाज़ार की स्थिति और आर्थिक रणनीतियां' विषय के अंतर्गत वैश्विक आपूर्ति और मांग में संतुलन बनाने की रणनीतियां प्रस्तुत की गईं।

'वैश्विक गेहूं बाज़ार की स्थिति– आपूर्ति, मांग और मूल्य निर्धारण चुनौतियां' सत्र में मूल्य अस्थिरता और उसकी वैश्विक जटिलताओं पर चर्चा हुई। वहीं 'उपभोक्ता प्राथमिकताएं और बाज़ार रुझान– वैश्विक गेहूं बाज़ार पर पकड़ बनाना' जैसे विषयों ने उपभोक्ताओं की बदलती अपेक्षाओं और बाज़ार में स्थायित्व की रणनीतियों को केंद्र में रखा।

कार्यक्रम में सीरियल्स कनाडा के सीईओ डीन डायस ने वर्चुअल माध्यम से जुड़कर वैश्विक व्यापार की दिशा पर प्रकाश डाला, जबकि पतंजलि फूड्स लिमिटेड, डेलॉइट इंडिया, ऑस्ट्रेलियन ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट कमीशन और भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञों ने अपने बहुमूल्य अनुभवों से प्रतिभागियों को समृद्ध किया।

गोयल ने यह भी कहा कि यह सत्र देश और दुनिया की सोच को एक मंच पर लाने की दिशा में एक अत्यंत सार्थक प्रयास साबित हुआ, जिसमें टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन, व्यापारिक अवसरों और सहयोग की संभावनाओं को विस्तार से प्रस्तुत किया गया। प्रतिभागियों की जोशपूर्ण भागीदारी और विशेषज्ञों की जानकारीपूर्ण प्रस्तुतियों ने पहले दिन को एक प्रेरक शुरुआत दी। हम सभी वक्ताओं और सहभागियों के प्रति हार्दिक आभार प्रकट करते हैं और आगामी सत्रों को लेकर अत्यंत उत्साहित हैं।

कल यानी 25 अप्रैल के सेशन के बारे में गोयल ने बताया- कॉन्क्लेव के दूसरे दिन 'कीमत बढ़ाना और नयापन' जैसे विषयों पर चर्चा होगी, जिसमें बेकिंग और नाश्ते के लिए गेहूं से बने नए उत्पादों पर फोकस रहेगा। 'नया सोचना और खोज करना' सत्र में हेल्दी और इनोवेटिव विकल्पों की बात होगी।

'नियम, कानून और काम' के अंतर्गत सरकार की नीतियों और सहयोग के नए मॉडल पर विचार होगा। वहीं 'नए बिज़नेस और निवेश के मौके' सत्र में उद्योग में निवेश की संभावनाएं और नए आइडियाज़ सामने आएंगे। कार्यक्रम का समापन 'आगे की योजनाएं' सत्र के साथ होगा, जिसमें आगे की दिशा तय की जाएगी।