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Last Updated :नई दिल्ली , बुधवार, 16 अप्रैल 2025 (13:04 IST)

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रॉबर्ट वाद्रा दूसरे दिन भी ईडी के समक्ष हुए पेश, 5 घंटे तक हुई पूछताछ

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रॉबर्ट वाद्रा दूसरे दिन भी ईडी के समक्ष हुए पेश, 5 घंटे तक हुई पूछताछ - Robert Vadra appeared before ED in money laundering case
Robert Vadra appears before ED: कारोबारी एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाद्रा 2008 के हरियाणा भूमि सौदे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए मंगलवार को लगातार दूसरे दिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए। उनके साथ उनकी पत्नी प्रियंका गांधी वाद्रा भी थीं, जो केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद हैं। रॉबर्ट वाद्रा के ईडी कार्यालय के अंदर जाने से पहले दोनों गले मिले।
 
5 घंटे तक पूछताछ की गई : आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को वाद्रा से करीब 5 घंटे तक पूछताछ की गई और मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत संघीय जांच एजेंसी ने उनके बयान दर्ज किए। सूत्रों ने बताया कि बुधवार को फिर से पूछताछ शुरू होगी। वाद्रा (56) ने ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया था।ALSO READ: पैदल ईडी दफ्तर पहुंचे रॉबर्ट वाड्रा, भूमि सौदे से जुड़े मामले में पूछताछ
 
वाद्रा ने कहा कि उन्होंने हमेशा ही जांच एजेंसियों के साथ सहयोग किया है और भारी संख्या में दस्तावेज प्रस्तुत किए गए हैं। उन्होंने मामले को बंद करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि मामला 20 साल पुराना है। वाद्रा के खिलाफ यह जांच हरियाणा के मानेसर-शिकोहपुर (अब गुरुग्राम में सेक्टर 83) में एक भूमि सौदे से जुड़ी है।
 
यह है मामला : जांच फरवरी 2008 में हुए एक भूमि सौदे से संबंधित है जिसमें वाद्रा से जुड़ी एक कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने गुरुग्राम के शिकोहपुर में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज नामक कंपनी से 7.5 करोड़ रुपए की कीमत पर 3.5 एकड़ जमीन खरीदी थी। वाद्रा इस कंपनी में पहले निदेशक थे। उस समय हरियाणा में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार सत्ता में थी। 4 साल बाद सितंबर 2012 में कंपनी ने इस 3.53 एकड़ जमीन को रियल्टी कंपनी डीएलएफ को 58 करोड़ रुपए में बेच दिया।ALSO READ: National Herald Case : सोनिया, राहुल और पित्रोदा पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप, नेशनल हेराल्ड मामले में ED की पहली चार्जशीट, कांग्रेस बोली- धमका रहे हैं मोदी और शाह
 
यह भूमि सौदा अक्टूबर 2012 में उस समय विवादों में आ गया था, जब भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी अशोक खेमका ने इस सौदे को राज्य चकबंदी अधिनियम और कुछ संबंधित प्रक्रियाओं का उल्लंघन बताते हुए दाखिल खारिज को रद्द कर दिया था। खेमका उस समय हरियाणा के भूमि चकबंदी एवं भूमि अभिलेख महानिदेशक-सह-पंजीयन महानिरीक्षक के पद पर तैनात थे।
 
हरियाणा में उस वक्त विपक्ष में रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तब इस मामले को भूमि सौदों में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का उदाहरण बताया था, जो वाद्रा की कांग्रेस पार्टी के प्रथम परिवार (गांधी परिवार) के साथ संबंधों की ओर इशारा करता है। हरियाणा पुलिस ने 2018 में इस सौदे की जांच के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की थी। संघीय जांच एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग के 2 अलग अलग मामलों में वाद्रा से कई बार पूछताछ की है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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