Akhilesh letter to jain samaj : समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने समाज पर अचानक बढ़ते हमले को देखते हुए उन्हें एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देश में अल्पसंख्यक होना एक अभिशाप बनता जा रहा है। आज अल्पसंख्यक जैन समुदाय के मध्य भय, असुरक्षा और अनिश्चितता की जो भावना व्याप्त है, वो अत्यधिक चिंता का विषय है। जैन समाज याद रखे, भाजपाई किसी के सगे नहीं हैं।
सोशल मीडिया पर शेयर किए गए इस पत्र में उन्होंने कहा कि शांतिप्रिय जैन समाज पर हो रहे हमलों की चर्चा, निंदा और आक्रोशपूर्ण प्रतिक्रिया संपूर्ण विश्व में हो रही है।
उन्होंने कहा कि यदि मप्र के सिंगोली थाना क्षेत्र में एक मंदिर के प्रांगण में जैन मुनियों पर हुआ हिंसक हमला शारीरिक हमले की श्रेणी में आता है, तो जबलपुर में भाजपाई और उनके संगी-साथी के बीच लीक हुए टेलीफ़ोनिक ऑडियो में जैनियों के बारे में की गई बेहद दुर्भावनापूर्ण-आपत्तिजनक टिप्पणियां एक वाचिक हमला रहा। मुंबई में जैन मंदिर के ध्वस्तीकरण और जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों, जिनवाणी व अन्य पूजनीय ग्रंथों और शास्त्रों का निर्वासन और निरादर बेहद गंभीर और घोर निंदनीय कुकृत्य की श्रेणी में आएगा।
अखिलेश ने कहा कि आखिर ये क्यों होता है कि जहां-जहां भी भाजपा सरकारें हैं, वहां-वहां जैनियों के तीर्थस्थलों, मंदिरों, जिनालयों, चैत्यालयों, समाजसेवी संस्थानों और समाज के साथ ऐसी विद्वेषपूर्ण घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा समर्थित एक ऐसा बहुत बड़ा वर्ग है, जो जैनियों की धार्मिक, सार्वजनिक, व्यापारिक-व्यावसायिक ही नहीं बल्कि व्यक्तिगत संपत्तियों पर भी आंख गड़ाए बैठा है और जैनियों को अल्पसंख्यक ही मानकर उनसे उनका सब कुछ छीन लेना चाहता है।
उन्होंने कहा कि चाहे भाजपा शासित गुजरात में श्री गिरनार जी के मंदिर पर कब्जे का प्रकरण हो या श्री सम्मेद शिखर जी पर केंद्र की भाजपा सरकार का आपत्तिजनक हस्तक्षेप या फिर कुछ साल पहले भाजपा राज में ही उप्र के बागपत-बड़ौत के एक जैन कॉलेज की वो घटना जिसमें जैनियों की पूज्य श्रुतिदेवी की प्रतिमा स्थापित करने का उग्र विरोध भाजपाई संगी-साथियों ने किया था या फिर मप्र के नीमच में एक बुजुर्ग जैन 65 वर्षीय भंवरलाल जैन को भाजपा सत्ता समर्थित एक प्रभुत्वशाली व्यक्ति द्वारा थप्पड़ मार-मारकर मार डालने की वीभत्स घटना।
सपा नेता के अनुसार, ये सब कुछ जैन समुदाय के उत्पीड़न के ही मामले हैं। ये तो वो घटनाएं हैं जो प्रकाश में आकर उजागर हो गईं नहीं तो न जाने ऐसे कितने प्रकरण हैं, जहां जैन समाज को प्रताड़ित करने का काम वर्चस्ववादी ताकतें हमेशा करती रही हैं।
उन्होंने कहा कि जैन समाज आज भाजपा से पूछ रहा है कि भाजपा की निगाह में हमारा महत्व क्या सिर्फ चंदा देने तक सीमित है, हमारे धर्म की और हमारी रक्षा कौन करेगा? जब हम दबाव डालते हैं तो हर बार बाद में माफी मांगने का नाटक किया जाता है। मंदिर को दुबारा बनाने से मूर्तियों, पूजनीय पुस्तकों और जैन समाज-समुदाय का जो अपमान हुआ है, क्या वो वापस आएगा?
अखिलेश ने कहा कि सत्ताधारी भाजपाइयों द्वारा की गई ऐसी हतोत्साहित करनेवाली घटनाएं जैन समुदाय को चाहकर भी कमज़ोर नहीं कर पाएंगी। इस कठिन समय में हम सब जैन समाज के साथ हैं।
edited by : Nrapendra Gupta