• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. भारत-पाकिस्तान तनाव
  3. भारत पाकिस्तान तनाव न्यूज
  4. Why has Azerbaijan become Pakistan brother
Last Updated : मंगलवार, 13 मई 2025 (17:13 IST)

भारत से पुराने रिश्‍ते और कई अहसानों के बावजूद आखिर क्‍यों अजरबैजान बना बैठा है पाकिस्‍तान का भाईजान?

Pakistan and Azerbaijan
चावल, मोबाइल फोन, एल्युमिनियम ऑक्साइड, दवाएं, स्मार्टफोन, सिरेमिक टाइल्स, ग्रेनाइट, मशीनरी और जाने क्‍या क्‍या। इतना कुछ भारत अजरबैजान को भेजता है। इसके अलावा अजरबैजान पर भारत के कई और अहसान हैं। बावजूद इसके जब भारत और पाकिस्‍तान के बीच तनाव बढ़ा और बात मिसाइलों, तोप और ड्रोन तक पहुंच गई तो ऐसी परिस्‍थितियों में अजरबैजान पाकिस्‍तान के गले में बाहें डालकर खड़ा नजर आया।

आखिर ऐसा क्‍यों है कि भारत के साथ पुराने संबंध होने और तमाम अहसानों के तले दबे होने के बावजूद अजरबैजान भारत के बजाए पाकिस्‍तान का भाईजान बना हुआ है। जानते हैं कैसे हैं भारत और अजरबैजान के रिश्‍तें और आखिर क्‍यों वो पाकिस्‍तान का भाई बनकर खड़ा है। इसे लेकर भारत में काफी आक्रोश है। भारत के लोग गुस्‍सा हैं और अजरबैजान की जाने की बुकिंग कैंसल करवा रहे हैं। कुछ ऐसा ही धोखा तुर्किए ने भारत के साथ किया, जबकि भारत ने तुर्किए की भूकंप में हुई तबाही के दौरान बेइंतहा मदद की।

भारत और पाकिस्तान के तनाव में हालांकि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग थलग ही पड गया है। उसके साथ सिर्फ चीन, तुर्किए और अजरबैजान जैसे देशों का ही साथ मिला। चीन और तुर्किए ने जहां पाकिस्तान को सैन्य मदद पहुंचाई, वहीं अजरबैजान की सरकार ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपना समर्थन दिया। इसके बाद लोग सोशल मीडिया पर पाकिस्तान का समर्थन करने वाले देशों के लिए अपनी भावना का इजहार कर रहे हैं। भारतीय इन देशों का बहिष्कार करने की मांग कर रहे हैं। वहीं कई ट्रैवल एजेंसियों ने इन देशों के लिए नई बुकिंग बंद कर दी है और एडवांस बुकिंग को रद्द कर दिया है।

क्‍या क्‍या भेजता है भारत : भारत अजरबैजान को चावल, मोबाइल फोन, एल्युमिनियम ऑक्साइड, दवाओं, स्मार्टफोन, सिरेमिक टाइल्स, ग्रेनाइट, मशीनरी, मांस और जानवरों का निर्यात करता है। भारत ने 2023 में अजरबैजान से 955 मिलियन डॉलर का कच्चा तेल खरीदा था और करीब 43 मिलियन डॉलर का चावल उसे निर्यात किया था। भारत अजरबैजान का तीसरा सबसे बड़ा खरीदार है।

कैसा है भारत के साथ व्‍यापार : अजरबैजान स्थित भारतीय दूतावास के मुताबिक दोनों देशों के बीच 2023 में 1.435 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। साल 2005 में यह केवल पांच करोड़ अमेरिकी डॉलर का था। भारत अजरबैजान का सातवां सबसे बड़ा व्यापारिक सहयोगी है। भारत के अलावा सिर्फ इटली, तुर्किए, रूस, चीन, जर्मनी और इजरायल ही अजरबैजान से व्यापार करते हैं।

पाकिस्तान-अजरबैजान का व्यापार : अजरबैजान और पाकिस्तान के बीच होने वाले व्यापार की बात करें तो दोनों देशों ने 2023 में 28.8 मिलियन डॉलर का व्यापार किया था। इसमें पाकिस्तान की ओर से होने वाला निर्यात 29.6 मिलियन डॉलर का था। पाकिस्तान अजरबैजान को सबसे अधिक आलू बेचता है। यह आंकड़ा व्यापार पर नजर रखने वाली वेबसाइट ऑब्जर्वेटरी ऑफ इकोनॉमिक कॉम्प्लेक्सिटी के मुताबिक है।

कितने भारतीय जाते हैं अजरबैजान : भारतीय दूतावास की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में एक लाख 15 हजार से अधिक भारतीयों ने अजरबैजान की यात्रा की थी। यह संख्या 2022 के मुकाबले में करीब-करीब दो गुनी थी। वहीं अजरबैजान के टूरिज्म बोर्ड के मुताबिक 2024 में दो लाख 43 हजार 589 भारतीय पर्यटक आए थे, यानी कि 2023 की तुलना में दो गुना। साल 2014 में सिर्फ 4 हजार 853 भारतीय ही अजरबैजान घूमने गए थे। बोर्ड का अनुमान है कि भारत से आने वाले पर्यटकों की संख्या अगले 10 साल में 11 फीसदी सालाना के दर से बढ़ेगी। भारत से अधिक केवल रूस, तुर्कीए और ईरान के पर्यटकों ने ही अजरबैजान की यात्रा की थी। अगर पड़ोसी देशों को छोड़ दें तो अजरबैजान जाने वाले पर्यटकों में भारतीयों की संख्या सबसे अधिक है। पिछले चार सालों में कम से कम 30 भारतीय फिल्मों और विज्ञापनों की शूटिंग अजरबैजान में हुई है।

कैसे और कितने पुराने हैं भारत अजरबैजान के संबंध : बता दें कि भारत और अजरबैजान के संबंध पुराने हैं। अजरबैजान 1991 तक सोवियत संघ का हिस्सा था। सोवियत संघ से अलग होने के बाद भारत ने 1991 में उसे एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी थी। अजरबैजान जब अजरबैजान सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक हुआ करता था तब भी भारत के साथ उसके संबंध अच्छे रहे। उस समय जवाहर लाल नेहरू और रविंद्रनाथ टैगोर जैसे नेताओं ने अजरबैजान की यात्रा कर इस संबंध को मजबूत बनाया था। भारत ने बाकू में अपना मिशन मार्च 1999 में खोला तो अजरबैजान का दिल्ली में मिशन अक्तूबर 2004 में खुला था।
Edited By: Navin Rangiyal
ये भी पढ़ें
CJI संजीव खन्ना का बड़ा बयान, नहीं लेंगे रिटायरमेंट के बाद कोई पद, विदाई के अंतिम दिन सुनाई अपनी सक्सेस स्टोरी