राजद विधायक को महंगी पड़ी रंगदारी, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में
Bihar news in hindi : बिहार के पटना जिले की एक अदालत ने गुरुवार को जबरन वसूली के एक मामले में राजद विधायक रीतलाल यादव और उनके 3 सहयोगियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। यादव और उसके साथियों ने आज दिन में दानापुर अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था।
ALSO READ: क्या 2030 तक बिहार सीएम बने रहेंगे नीतीश कुमार?
दानापुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले राजद विधायक और उनके तीन सहयोगी चिक्कू यादव, पिंकू यादव और श्रवण यादव को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
दानापुर अदालत में पत्रकारों से बात करते हुए यादव ने कहा, 'मैं एक राजनीतिक साजिश का शिकार हूं... मेरी जान को खतरा है... मेरी हत्या हो सकती है। अगर मैं जिंदा रहा तो जमानत के लिए कागजात दाखिल करूंगा। कुछ अधिकारी हैं जो मेरे खिलाफ हैं।'
विधायक ने आरोप लगाया कि पिछले कई महीनों से मुझे खत्म करने की साजिश रची जा रही थी। मुझे मारने के लिए कुछ अधिकारियों ने मेरे प्रतिद्वंद्वियों को एक अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध कराया था।
पटना-पश्चिम के पुलिस अधीक्षक (एसपी) शरत आर एस ने बताया कि रीतलाल यादव ने पटना की दानापुर अदालत में आत्मसमर्पण किया है और उसके खिलाफ अन्य कार्यवाहियां की जा रही हैं। वह और उनके सहयोगी फिरौती के एक मामले में वांछित थे।
बिहार पुलिस ने 11 अप्रैल को पटना में जबरन वसूली के एक मामले की जांच के सिलसिले में राजद विधायक रीतलाल यादव और उनके करीबियों के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई एक बिल्डर की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी के आधार पर की गई थी, जिसमें यादव और पांच अन्य को आरोपी बनाया गया था।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसे बीते कुछ दिनों से आरोपियों की ओर से फिरौती और जान से मारने की धमकी मिल रही थी। साथ ही, संपत्ति से संबंधित कुछ दस्तावेजों में कथित फर्जीवाड़े का भी आरोप लगाया गया था।
शिकायतकर्ता पटना के खगौल इलाके में एक अपार्टमेंट का निर्माण करवा रहा था। पुलिस ने कहा था कि तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और सामग्री जब्त की गई थी, जिनमें 10 लाख रुपये नकद, 77 लाख रुपये के चेक, छह खाली चेक, संपत्ति के क्रय-विक्रय से संबंधित 14 रजिस्ट्री दस्तावेज और 17 चेकबुक शामिल हैं।
edited by : Nrapendra Gupta
photo courtesy : social media