MK Stalin targeted Amit Shah : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा की गई उस आलोचना को लेकर शुक्रवार को उन्हें निशाना बनाया, जिसमें कहा गया है कि राज्य की सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार भटकाने वाली रणनीति के तौर पर नीट और परिसीमन जैसे मुद्दों का राग अलाप रही है। स्टालिन ने शाह को चुनौती दी कि वह राज्य की जनता के समक्ष साबित कर दें कि क्या वाकई राज्य सरकार लोगों का ध्यान भटका रही है। उन्होंने कहा, तमिलनाडु कभी भी दिल्ली के अधीन नहीं होगा, हमारा चरित्र बहुत अनूठा है, छापे और धमकी के जरिए दूसरे राज्यों में पार्टियों को तोड़ने का आपका फॉर्मूला तमिलनाडु में काम नहीं करेगा।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न सरकारी परियोजनाओं के उद्घाटन एवं शिलान्यास के मौके पर आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि तमिलनाडु एवं द्रमुक, नीट समेत अन्य मुद्दों का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा, चाहे वह नीट हो या त्रि-भाषा नीति, वक्फ संशोधन अधिनियम या परिसीमन- जिससे कुछ राज्यों के प्रभावित होने की संभावना है- केवल हम ही पुरजोर विरोध कर रहे हैं। अमित शाह ने कहा था कि हम ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कह रहे हैं। मैं जो कहना चाहता हूं वह यह है कि तमिलनाडु सभी भारतीय राज्यों के लिए संघर्ष कर रहा है। क्या राज्यों के अधिकारों की मांग करना गलत है।
सत्तारूढ़ द्रमुक के अध्यक्ष स्टालिन ने राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी से जुड़े मामले में शीर्ष अदालत के फैसले का हवला देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया और राज्यपाल के खिलाफ ऐतिहासिक फैसला मिला, क्योंकि उन्होंने कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि यह द्रमुक की शक्ति थी और इसे पूरे देश में महसूस किया गया है।
उन्होंने शाह से आगे पूछा, क्या आप कह सकते हैं कि आप नीट से छूट दे सकते हैं, क्या आप आश्वासन दे सकते हैं कि हिंदी नहीं थोपी जाएगी, क्या आप तमिलनाडु को दिए गए (केंद्रीय) फंड की सूची दे सकते हैं और क्या आप आश्वासन दे सकते हैं कि परिसीमन के कारण (संसदीय) प्रतिनिधित्व (सीट) कम नहीं होगा।
उन्होंने कहा, अगर हम जो कर रहे हैं वह ध्यान भटकाने वाला है, तो आपने इन मुद्दों पर तमिलनाडु के लोगों को स्पष्ट जवाब क्यों नहीं दिए। अमित शाह ने 11 अप्रैल को द्रमुक पर हमला करते हुए उस पर गंभीर मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए परिसीमन और त्रि-भाषा नीति जैसे मुद्दे उठाने का आरोप लगाया था और चेतावनी दी थी कि लोग व्यापक भ्रष्टाचार पर सत्तारूढ़ दल के शीर्ष नेतृत्व से जवाब मांगेंगे।
शाह द्वारा विपक्षी अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन करने और राजग के 2026 के चुनावों में जीतने का विश्वास जताने पर, मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा कभी नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, तमिलनाडु कभी भी दिल्ली के अधीन नहीं होगा, हमारा चरित्र बहुत अनूठा है, छापे और धमकी के जरिए दूसरे राज्यों में पार्टियों को तोड़ने का आपका फॉर्मूला तमिलनाडु में काम नहीं करेगा।
उन्होंने शाह समेत भाजपा के मंत्रियों पर अतीत में तमिलों के बारे में बुरा बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, तमिल भूमि स्वाभिमान और वीरता की धरती है, जिसने कभी वर्चस्व की अनुमति नहीं दी है। मुख्यमंत्री ने कहा, हम गुलाम नहीं हैं जो धमकियों के आगे झुक जाएंगे। सिर्फ अमित शाह ही नहीं, कोई भी शाह हम पर शासन नहीं कर सकता, यह तमिलनाडु है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour