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Last Updated : शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025 (07:33 IST)

पहलगाम अटैक को लेकर जौनपुर की मॉडल का सनसनीखेज खुलासा, खच्चर वालों के भेष में थे आतंकी

पहलगाम अटैक को लेकर जौनपुर की मॉडल का सनसनीखेज खुलासा, खच्चर वालों के भेष में थे आतंकी - Sensational revelation by Jaunpur model Ekta Tiwari about Pahalgam attack
उत्तरप्रदेश के जौनपुर जिले में रह रही ग्लैमर फेस ऑफ इंटरनेशनल की विजेता मॉडल एकता तिवारी की कश्मीर यात्रा एक डरावनी याद बनकर रह गई। वो अप्रैल में ही अपने परिवार के साथ पहलगाम घूमने गई थीं, जहां उनके साथ और उनके भाई के साथ खच्चर चलाने वाले युवकों ने अजीबगरीब बातचीत की थी, उन्हें तभी कुछ गड़बड़ लगा और वह नीचे उतर आई। एकता ने खुलासा किया है कि वहां सुरक्षा व्यवस्था का नामोनिशान नहीं था और कुछ संदिग्ध गतिविधियों से उन्हें डर लग रहा था। 
एकता ने बताया कि उनका ग्रुप पहलगाम की खूबसूरती निहारने के लिए 16 अप्रैल को श्रीनगर पहुंचा था, 17-18 अप्रैल में लोकल घूमकर वह 19 अप्रैल में पहलगांव पहुंची। यहां पर उन्हें खच्चर वाले मिले, जिन्होंने बताया कि कुछ दूरी पर ऊपर घूमने की जगह है, लेकिन वहां खच्चर से ही जाया जा सकता है। लिहाजा हमने एक व्यक्ति के हिसाब सज 1050 रुपए में खच्चर तय किया, एक खच्चर वाला चार खच्चरों को चलाता है।
 
दी कुरान शरीफ पढ़ने की नसीहत 
एकता ने बताया कि मेरा भाई आयुष्मान साथ में था, उससे भी खच्चर चलाने वाले की बातों पर संदेह हो रहा था। खच्चर वाले ने एकता से पूछा कहां से आई हो, नाम क्या है, कौन-कौन साथ मैं आया है, हिन्दू हो या मुसलमान? एकता ने बताया कि बीस लोगों का ग्रुप घूमने आया है, मित्र मुसलमान हैं। खच्चर वाले ने कहा कौन-कौन से मित्र है, एकता बोली कुछ आगे है कुछ पीछे। खच्चर वाला यही नहीं रुका, उसने कहा कि राजस्थान की है, वहां से कुछ दूरी पर अजमेर है, कभी गई हो, एकता ने कहा कि वह कभी नहीं गई।

उसने जाने की सलाह देते हुए कुरान शरीफ पढ़ने की नसीहत दी। एकता बोलघ मैं उर्दू नही जानती, खच्चर वाला बोला मैं टीचर हूं, कुरान पढ़ाता हूं, हिन्दी में भी है। ये सब बातें एकता को अच्छी नही लगी वह घबरा गई। इसी बीच खच्चर वाले ने उसके भाई आयुष्मान के गले में पढ़ी रुद्राक्ष की माला देखी और उसके बारज में पूछने लगा कि इसे पहनने से क्या होता है। 
 
संदिग्ध लग रहे थे लोग 
आयुष्मान ने बताया कि पावर मिलती है तभी वह मेरे भाई को खींचकर नदी के किनारे ले जाने और बोला यहां दिखा अपनी पावर। भाई को मैंने आंखें दिखाई उसने जाने से इंकार कर दिया। इस सबसे मुझे वहां जो अनुभव हुआ, उसने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया। हमने सोचा था कि यह मिनी स्विट्जरलैंड जैसा होगा, लेकिन वहां की असुरक्षा ने हमें डरा दिया।  एकता ने आगे बताया कि जिस वक्त यह सब हुआ, वहां न कोई पुलिस थी, न ही आर्मी। 
 
उन्होंने दावा किया कि जिन लोगों से उनकी झड़प हुई, वे संदिग्ध लग रहे थे। उनके मोबाइल फोन मोजे के अंदर थे, वे मोबाइल फोन पर बात करते हुए हुए कह कि 20  लोग आए हुए हैं, प्लान बी फेल हो गया, 35 लोग भेजे हैं, मैं सुनकर डर रही थी। जब मैं नीचे आ रही थी तो लोगों को बताया भी ऊपर न जाए कुछ गड़बड़ है। हम तो बच गए लेकिन यह दुखद घटना सामने आई है। घटना के समय जो वीडियो में चेहरे और आतंकियों के स्केच जारी हुए हैं वे खच्चरवाले से मिलते हैं, मैं उन्हें पहचान रही हूं, पहचान तो मेरे साथ के सभी लोग रहे हैं लेकिन डर के मारे कोई बोल नहीं रहा है। 
मॉडल एकता ने यह भी कि हम सिर्फ घूमने गए थे, लेकिन वहां जो माहौल था, वह भय पैदा करने वाला था। खच्चर वाले ने जब किसी से मोबाइल पर बात करते हुए कहा कि बॉक्स में बंदूकें भिजवा दी हैं, तो मैं डर गई। पहले तो लगा मजाक कर रहा है, लेकिन जब उसके हाव-भाव बदले तो हम सतर्क हो गए। एकता के भाई आयुष्मान तिवारी ने भी पूरे वाकए को याद करते हुए बताया कि 'मैं रुद्राक्ष पहने हुए था, तभी खच्चर वाले ने पूछा कि यह क्या है, इससे क्या होता है। मैंने कहा इससे एनर्जी मिलती है। वह मुझे खींचते हुए नदी के किनारे ले जाने लगा और बोला, अब एनर्जी दिखाओ। उस वक्त हम सभी बहुत डर गए थे।'
 
एकता ने बताया कि वहां मौजूद लोगों का रवैया भी असामान्य था और किसी भी तरह की सरकारी सुरक्षा व्यवस्था नदारद थी। एकता ने बताया कि वे लोग अब इस पूरे प्रकरण का वीडियो, फोटो और सबूत लेकर लौटे हैं और प्रशासन को सौंपने की तैयारी कर रहे हैं। पहलगाम जैसे पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि पर्यटक निडर होकर वहां जा सकें। एकता ने भगवान का शुक्रिया करते हुए कहा कि उनकी कृपा थी कि हम वहां से सही-सलामत वापस लौटे है। 
 
एकता का कहना है कि वहां जिस तरह कि चेकिंग होनी चाहिए थी, वह देखने को नही मिली, सुरक्षा के लिए न आर्मी थी और ही पुलिस। अब यह घटना न सिर्फ पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े करती है, बल्कि प्रशासन और केंद्र सरकार को भी यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या देश के संवेदनशील पर्यटन स्थलों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था है? Edited by: Sudhir Sharma
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