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Last Updated :नई दिल्ली , शुक्रवार, 18 अप्रैल 2025 (18:58 IST)

ट्रंप टैरिफ के झटके के बावजूद शेयर बाजार में निवेशकों की संपत्ति 4 दिन में बढ़ी 25.77 लाख करोड़

ट्रंप टैरिफ के झटके के बावजूद शेयर बाजार में निवेशकों की संपत्ति 4 दिन में बढ़ी 25.77 लाख करोड़ - Investors' wealth in the stock market increased by Rs 25.77 lakh crore in 4 days
Investors' wealth in the stock market increased: पिछले 4 कारोबारी सत्रों में शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी (Sensex and Nifty) में 6 प्रतिशत से अधिक की तेजी आई है। अमेरिका के शुल्क पर अस्थायी रोक, विदेशी निवेशकों (Investors) की घरेलू बाजार में वापसी और दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान सामान्य से अधिक बारिश की भविष्यवाणी के कारण बाजार बढ़त में रहा है।
 
इसके अलावा बाजार विशेषज्ञों के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति के लगभग 6 वर्ष के निचले स्तर पर पहुंचने से भी नीतिगत दर में और कटौती की उम्मीद बढ़ी है। पिछले 4 कारोबारी दिनों में बीएसई सूचकांक 4,706.05 अंक यानी 6.37 प्रतिशत बढ़ा जबकि एनएसई निफ्टी में 1,452.5 अंक यानी 6.48 प्रतिशत की तेजी रही। इसके साथ पिछले 4 दिन में निवेशकों की संपत्ति 25.77 लाख करोड़ रुपए बढ़कर 4,19,60,046.14 करोड़ रुपए (4,900 अरब डॉलर) हो गई। शुक्रवार को 'गुड फ्राइडे' के कारण शेयर बाजार बंद हैं।ALSO READ: Stock Markets : शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन तेजी, सेंसेक्स फिर 77000 के पार
 
मास्टर कैपिटल सर्विसेज के अनुसंधान एवं परामर्श के सहायक उपाध्यक्ष विष्णु कांत उपाध्याय के अनुसार विदेशी कोष प्रवाह, अमेरिका के शुल्क पर अस्थायी रोक तथा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा उदार मौद्रिक नीति रुख अपनाने जैसे कई कारकों ने वैश्विक व्यापार अनिश्चितता के बावजूद भारतीय बाजारों में तेजी को बढ़ावा दिया है।ALSO READ: Share bazaar : शेयर बाजार में लौटी तेजी, Sensex 1089 और Nifty 374 अंक चढ़ा
 
उपाध्याय ने कहा कि पिछले 3 कारोबारी सत्रों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने लंबे समय तक बिकवाली के बाद 1 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के भारतीय शेयर खरीदे हैं। इसके अलावा अमेरिका के शुल्क पर अस्थायी रोक की घोषणा और दोनों देशों के साथ संभावित बातचीत से भी धारणा को बढ़ावा मिला। उन्होंने कहा कि इसके अलावा 9 अप्रैल को आरबीआई के ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती तथा इसके रुख को 'तटस्थ' से 'उदार' में बदलने से धारणा मजबूत हुई है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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