प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को कारोबारी एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा से 2008 के हरियाणा भूमि सौदे से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनसे लगातार दूसरे दिन करीब पांच घंटे पूछताछ की। एजेंसी ने उन्हें गुरुवार को भी पूछताछ के लिए बुलाया है। वाड्रा ने ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया और दावा किया कि देश के लोग अब जांच एजेंसियों पर भरोसा नहीं करते हैं।
मीडिया के मुताबिक 2 दिनों में ईडी कार्यालय में बिताए गए करीब 10 घंटों के दौरान वाड्रा से करीब एक दर्जन सवाल पूछे गए। संघीय जांच एजेंसी द्वारा धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज किया जा रहा है। वाड्रा ने कहा कि उन्होंने हमेशा जांच एजेंसियों के साथ सहयोग किया है और ढेर सारे दस्तावेज पेश किए हैं
ईडी दायर कर सकती है तीन मामलों में आरोप पत्र
ईडी रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ धनशोधन के तीन अलग-अलग मामलों में जल्द ही आरोप-पत्र दाखिल कर सकता है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। यह मामला हरियाणा के शिकोहपुर (गुरुग्राम) में एक भूखंड के लिए किए गए सौदे में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा है। ईडी ने पिछले दिनों धनशोधन के दो अन्य मामलों में भी उनसे पूछताछ की थी। सूत्र ने पीटीआई को बताया कि एजेंसी जल्द ही वाड्रा के खिलाफ तीनों मामलों में संबंधित विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालतों में आरोप-पत्र दाखिल करेगी। वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाद्रा ने कोई भी गलत कृत्य करने से इनकार किया है।
सूत्रों ने बताया कि एक बार आरोप-पत्र दाखिल हो जाने के बाद एजेंसी अदालतों से अभियोजन पक्ष की शिकायतों पर संज्ञान लेने और मुकदमा शुरू करने का अनुरोध करेगी। सूत्रों ने कहा कि कुछ कंपनियों और व्यक्तियों को भी इन आरोप-पत्रों में आरोपी और गवाह के रूप में नामित किया जा सकता है।
कौनसे मामले
इनमें से एक मामला ब्रिटेन निवासी शस्त्र सलाहकार संजय भंडारी के खिलाफ धनशोधन जांच और वाद्रा के साथ उसके कथित संबंधों से संबंधित है। ऐसा कहा जाता है कि 63 वर्षीय भंडारी 2016 में आयकर विभाग द्वारा दिल्ली में छापेमारी के तुरंत बाद लंदन भाग गया था।
ईडी ने इस मामले में 2023 में आरोप-पत्र दाखिल किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि भंडारी ने 2009 में लंदन में 12-ब्रायनस्टन स्क्वायर स्थित घर अधिग्रहित किया और रॉबर्ट वाड्रा के निर्देशानुसार इसका जीर्णोद्धार कराया और जीर्णोद्धार के लिए धन रॉबर्ट वाद्रा द्वारा उपलब्ध कराया गया।
वाड्रा ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लंदन में कोई भी संपत्ति होने से इनकार किया है। इन आरोपों को राजनीतिक षड्यंत्र करार देते हुए उन्होंने दावा किया है कि राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। धनशोधन का तीसरा मामला जिसमें वाड्रा के खिलाफ जांच चल रही है, बीकानेर में एक जमीन सौदे से जुड़ा है। इस मामले में ईडी ने उनसे और उनकी मां मौरीन से पहले भी पूछताछ की थी।
वाड्रा हरियाणा के शिकोहपुर में 2008 के भूमि सौदे में कथित अनियमितताओं के मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए बुधवार को लगातार दूसरे दिन दिल्ली में एजेंसी के समक्ष पेश हुए।
प्रियंका भी थीं साथ
वे पूर्वाह्न करीब 11 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे। उनके साथ उनकी पत्नी प्रियंका गांधी वाड्रा भी थीं, जो केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद हैं। रॉबर्ट वाड्रा के ईडी कार्यालय के अंदर जाने से पहले दोनों गले मिले। प्रियंका गांधी इस दौरान एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित एजेंसी के कार्यालय प्रवर्तन भवन के आगंतुक कक्ष में रहीं और दोपहर करीब 1 बजकर 10 मिनट पर उनके पति को दोपहर के भोजन अवकाश के लिए घर जाने की अनुमति मिलने पर उनके साथ चली गईं।
वाड्रा (56) दोपहर के भोजन के लिए कुछ देर के लिए घर गए और फिर पूछताछ में शामिल हुए। इसके बाद शाम छह बजे के बाद वह ईडी कार्यालय से बाहर निकले। उन्हें गुरुवार को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया गया है। सूत्रों ने बताया कि दो दिनों में ईडी कार्यालय में बिताए गए करीब 10 घंटों के दौरान वाड्रा से करीब एक दर्जन सवाल पूछे गए। संघीय जांच एजेंसी द्वारा धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज किया जा रहा है।
वाड्रा बोले भाजपा में रहता तो
वाड्रा ने कहा कि उन्होंने हमेशा जांच एजेंसियों के साथ सहयोग किया है और ढेर सारे दस्तावेज पेश किए हैं। रॉबर्ट वाड्रा ने पीटीआई से बातचीत में दावा किया कि उन्हें गांधी परिवार का हिस्सा होने के कारण जांच एजेंसियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है और यदि वे भारतीय जनता पार्टी में रहते तो मापदंड अलग होता। वाड्रा के खिलाफ यह जांच हरियाणा के मानेसर-शिकोहपुर (अब गुरुग्राम में सेक्टर 83) में एक भूमि सौदे से जुड़ी है।
क्या है पूरा मामला
जांच फरवरी 2008 में हुए एक भूमि सौदे से संबंधित है, जिसमें वाड्रा से जुड़ी एक कंपनी, स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने गुरुग्राम के शिकोहपुर में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज नामक कंपनी से 7.5 करोड़ रुपए की कीमत पर 3.5 एकड़ जमीन खरीदी थी। वाद्रा इस कंपनी में पहले निदेशक थे। उस समय हरियाणा में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार सत्ता में थी। चार साल बाद सितंबर 2012 में कंपनी ने इस 3.53 एकड़ जमीन को रियल्टी कंपनी डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया।
यह भूमि सौदा अक्टूबर 2012 में उस समय विवादों में आ गया था, जब भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी अशोक खेमका ने इस सौदे को राज्य चकबंदी अधिनियम और कुछ संबंधित प्रक्रियाओं का उल्लंघन बताते हुए दाखिल खारिज को रद्द कर दिया था। खेमका उस समय हरियाणा के भूमि चकबंदी एवं भूमि अभिलेख महानिदेशक-सह-पंजीयन महानिरीक्षक के पद पर तैनात थे।
भाजपा ने उठाया था मामला
हरियाणा में उस वक्त विपक्ष में रही भाजपा ने इस मामले को भूमि सौदों में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का उदाहरण बताया था, जो वाद्रा की कांग्रेस पार्टी के प्रथम परिवार (गांधी परिवार) के साथ संबंधों की ओर इशारा करता है। हरियाणा पुलिस ने 2018 में इस सौदे की जांच के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की थी। संघीय जांच एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग के दो अलग-अलग मामलों में वाड्रा से कई बार पूछताछ की है। इनपुट भाषा Edited by: Sudhir Sharma