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Last Updated :कोलकाता , रविवार, 4 मई 2025 (18:59 IST)

पश्चिम बंगाल में कैसे चुनौती बन रहा है कट्टरपंथ, राज्यपाल ने मुर्शिदाबाद दंगों को लेकर गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट, क्या दिए सुझाव

पश्चिम बंगाल में कैसे चुनौती बन रहा है कट्टरपंथ, राज्यपाल ने मुर्शिदाबाद दंगों को लेकर गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट, क्या दिए सुझाव - murshidabad riots bengal governor cv ananda bose files report mha
पश्चिम बंगाल (West Bengal) के राज्यपाल सीवी आनंद बोस (CV Anand Bose) ने मुर्शिदाबाद (murshidabad riots) जिले में हाल में हुए दंगों पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि ‘कट्टरपंथ और उग्रवाद की दोहरी समस्या’ राज्य के लिए गंभीर चुनौती बन गई है।
 
बोस ने अपनी रिपोर्ट में कई उपाय सुझाए हैं, जिनमें एक जांच आयोग का गठन और बांग्लादेश की सीमा से लगे जिलों में केंद्रीय बलों की चौकियां स्थापित करना शामिल है। इसके अलावा उन्होंने लिखा कि यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत प्रावधान भी विकल्प बने रहेंगे। 
 
रिपोर्ट में ‘‘संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत प्रावधानों’’ के उल्लेख के बारे में पूछे जाने पर एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि राज्यपाल ने अनुच्छेद 356 के कार्यान्वयन का प्रस्ताव नहीं दिया है। उनका मतलब यह था कि यदि राज्य में स्थिति और बिगड़ती है तो संविधान के अनुच्छेद 356 के प्रावधानों पर केंद्र विचार कर सकता है। संविधान के अनुच्छेद 356 के लागू होने का मतलब राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होना है।
cv ananda bose in murshidabad
राज्यपाल ने मुर्शिदाबाद हिंसा का प्रभाव राज्य के अन्य जिलों पर पड़ने की आशंका व्यक्त की और सिफारिश की कि केंद्र सरकार को ‘लोगों में कानून के शासन के प्रति विश्वास पैदा करने के अलावा मौजूदा स्थिति पर नियंत्रण रखने के लिए संवैधानिक विकल्पों पर विचार करना चाहिए।’
बोस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कट्टरपंथ और उग्रवाद की दोहरी समस्या पश्चिम बंगाल के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई है, विशेषकर बांग्लादेश के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करने वाले दो जिलों- मुर्शिदाबाद और मालदा में। इन दोनों जिलों में प्रतिकूल जनसांख्यिकीय संरचना है और हिंदू अल्पसंख्यक हैं। 
राज्यपाल ने हिंसा के बाद के हालात में उठाए जाने वाले कई उपाय सुझाए। इस हिंसा में एक व्यक्ति और उसके बेटे सहित कम से कम तीन लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए। यह दंगा वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के बीच हुआ था। भाषा Edited by: Sudhir Sharma
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