भारतीय कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) वानखेड़े स्टेडियम (Wankhede Stadium) के बाहर एक युवा खिलाड़ी के रूप में मुंबई रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) सितारों की एक झलक पाने के लिए खड़े होने से लेकर प्रतिष्ठित स्थल पर उनके नाम पर एक स्टैंड (दर्शकदीर्घा या पवेलियन) का नाम रखे जाने तक के अपने सफर को याद करते हुए शुक्रवार को यहां भावुक हो गए। उन्होंने इसे एक अवास्तविक अहसास करार दिया।
मुंबई क्रिकेट संघ (MCA) ने हाल ही में भारत के टेस्ट और वनडे कप्तान रोहित के साथ-साथ पूर्व कप्तान अजीत वाडेकर (Ajit Wadekar) और पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष और आईसीसी के चेयरमैन शरद पवार (Sharad Pawar) के नाम पर एक स्टैंड का नाम रखने की घोषणा की थी।
टी20 मुंबई लीग के तीसरे सत्र का ब्रांड एंबेसडर घोषित किए जाने के बाद रोहित ने कहा, जब कोई क्रिकेट खेलना शुरू करता है तो कोई इस तरह की चीजों का सपना नहीं देखता है।
उन्होंने बीते दिनों को याद करते हुए कहा कि वह एक नवोदित खिलाड़ी के तौर पर सितारों को देखने के लिए उत्सुक रहते थे।
उन्होंने कहा, मुझे अभी भी वे दिन याद हैं जब मैं मुंबई रणजी ट्रॉफी टीम का अभ्यास देखने के लिए वानखेड़े स्टेडियम के बाहर खड़ा रहता था। मैं 2004 या शायद 2003 की बात कर रहा हूं। हम आजाद मैदान में अपनी अंडर-14, अंडर-16 की ट्रेनिंग पूरी करते थे। मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ रेलवे ट्रैक पार करके रणजी ट्रॉफी के कुछ क्रिकेटरों की एक झलक पाने के लिए जाता था।
रोहित ने कहा, मुझे पता है कि उस समय वानखेड़े स्टेडियम के अंदर जाना कितना मुश्किल था। अब भी, जाहिर है, किसी भी अजनबी (लोगों) को स्टेडियम के अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी... लेकिन वो दिन भी अच्छे थे।
वानखेड़े स्टेडियम में दिवेचा पवेलियन के लेवल तीन का नाम रोहित के नाम पर रखा जाएगा। भारत ने रोहित की कप्तानी में टी20 विश्व कप 2024 और चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का खिताब जीत है।
उन्होंने कहा, अब, बैठकर यह सोचना कि मेरे नाम पर एक स्टेडियम स्टैंड होने जा रहा है, यह एक अवास्तविक एहसास है। यह कुछ ऐसा है जिसके बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था और मैं अपने जीवन में इस बड़े सम्मान के लिए हमेशा आभारी रहूंगा।
भारतीय कप्तान ने कहा, जैसा कि मैंने कहा, जब आप खेल खेलना शुरू करते हैं, तो आप नहीं जानते कि आप कितने समय तक खेलेंगे; इन सभी उपलब्धियों को तो छोड़ ही दीजिए जो आप हासिल करते हैं लेकिन इस तरह का सम्मान पाना, आपके नाम पर एक स्टैंड होना, कुछ ऐसा है जिसकी मैं कल्पना भी नहीं कर सकता। एक बार जब मैं अपना नाम स्टैंड पर देखूंगा, तो यह मेरे लिए बहुत ही भावुक क्षण होगा।
रोहित ने कहा कि देश के सभी हिस्सों के खिलाड़ी पेशेवर हैं, लेकिन मुंबई क्रिकेट की संस्कृति, इतिहास और विरासत इसे अलग बनाती है। उन्होंने कहा, अगर आप 1970 और 80 के दशक में भारतीय टीम को देखें, तो मुंबई से भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले आठ या नौ क्रिकेटर थे। यह सिर्फ प्रतिभा की वजह से है। (भाषा)