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Last Modified: मंगलवार, 22 अप्रैल 2025 (18:52 IST)

चीन का डबल अटैक : बोइंग जेट लौटाए, अत्याधुनिक स्टील्थ फाइटर J-36 और J-50 से अमेरिका को चुनौती!

चीन का डबल अटैक : बोइंग जेट लौटाए, अत्याधुनिक स्टील्थ फाइटर J-36 और J-50 से अमेरिका को चुनौती! - China returns US Boeing jets, challenges America with ultra modern stealth fighters J-36 and J-5
China returned American Boeing jets: अमेरिका और चीन के बीच तनाव अब सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं रहा। यह आर्थिक और सैन्य मोर्चों पर खुलकर सामने आ गया है। एक तरफ चीन ने अमेरिका की दिग्गज कंपनी बोइंग को करारा झटका देते हुए उसका 737 मैक्स जेट वापस लौटा दिया, तो दूसरी तरफ अपने अत्याधुनिक छठी पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट्स, J-36 और J-50, के परीक्षणों से दुनिया को अपनी सैन्य ताकत का अहसास करा रहा है। यह दोहरा दांव वैश्विक शक्ति संतुलन में नया मोड़ लाने को तैयार है।
 
बोइंग को झटका : रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की ज़ियामेन एयरलाइंस के लिए तैयार बोइंग 737 मैक्स, जो चीनी एयरलाइन के रंगों में रंगा था, रविवार को अमेरिका के सिएटल स्थित प्रोडक्शन हब लौट आया। यह विमान 8000 किलोमीटर की यात्रा कर, गुआम और हवाई में ईंधन भरने के बाद वापस पहुंचा। इसकी वजह है पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू किया गया टैरिफ युद्ध। ट्रंप ने चीनी आयातों पर टैरिफ 145% तक बढ़ा दिया, जिसके जवाब में चीन ने अमेरिकी सामानों पर 125% टैरिफ थोप दिया। 
 
एक 737 मैक्स की कीमत करीब 55 मिलियन डॉलर है और इतने भारी टैरिफ के साथ इसे खरीदना ज़ियामेन एयरलाइंस के लिए नामुमकिन हो गया। इस घटना ने बोइंग की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, जिसके पास चीनी कंपनियों के सैकड़ों ऑर्डर पेंडिंग हैं। बोइंग के सीईओ केली ओर्टबर्ग ने चेतावनी दी है कि टैरिफ युद्ध से अमेरिकी कंपनियों के लिए चीनी बाजार बंद हो सकता है। यह घटना न केवल आर्थिक बल्कि रणनीतिक स्तर पर भी अमेरिका के लिए बड़ा झटका है।
 
स्टील्थ फाइटर का दम : J-36 और J-50; जब आर्थिक युद्ध अपनी चरम सीमा पर है, तब चीन अपनी सैन्य ताकत को भी तेजी से बढ़ा रहा है। हाल ही में चीनी सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में चेंगदू एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री कॉर्पोरेशन के J-36 और शेनयांग एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन के J-50 स्टील्थ फाइटर जेट्स के परीक्षण दिखाए गए हैं। इन विमानों का बिना पूंछ (tailless) डिजाइन, उन्नत फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम और संभावित वेक्टर थ्रस्टिंग इंजन इन्हें अद्वितीय स्टील्थ क्षमता और सुपर-मैन्युवरेबिलिटी प्रदान करते हैं। 
 
वीडियो में ये जेट्स तेज कलाबाजियां करते और कम ऊंचाई पर उड़ते नजर आए, जो चीन की सैन्य प्रौद्योगिकी में क्रांतिकारी प्रगति का सबूत है। सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि ये विमान न केवल अमेरिका के F-35 और F-22 जैसे फाइटर जेट्स को टक्कर देंगे, बल्कि अमेरिका के विकासाधीन नेक्स्ट जेनरेशन फाइटर F-47 को भी कड़ी चुनौती पेश करेंगे। 
 
अमेरिका की बढ़ेगी मुश्किल : यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका और चीन के बीच तनाव ने वैश्विक सुर्खियां बटोरी हैं, लेकिन इस बार की घटनाएं एक साथ आर्थिक और सैन्य दोनों क्षेत्रों में गहरी चोट कर रही हैं। जहां बोइंग की वापसी अमेरिकी अर्थव्यवस्था और नौकरियों के लिए खतरे की घंटी है, वहीं चीन के स्टील्थ फाइटर जेट्स का उभरना वैश्विक सैन्य समीकरण को बदल सकता है।  
 
चीन का यह दोहरा दांव न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी है। क्या यह नया शीत युद्ध है, या फिर वैश्विक शक्ति का नया केंद्र बनने की चीन की महत्वाकांक्षा? आने वाला समय ही इसका जवाब देगा। लेकिन एक बात साफ है कि यह जंग अब सिर्फ व्यापार की नहीं, बल्कि तकनीकी और सैन्य वर्चस्व की है।
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