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Last Updated : सोमवार, 21 अप्रैल 2025 (14:51 IST)

इंदौर में फिर 1 करोड़ 60 लाख की ठगी, महिला को 4 दिन तक रखा डिजिटल अरेस्ट

digital arrest
इंदौर में सायबर ठगी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। यहां एक बदमाशों ने महिला को 4 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा और 1 करोड़ 60 लाख की ठगी कर डाली। इस मामले में इंदौर पुलिस 100 से ज्‍यादा खाते फ्रीज करा चुकी है। हालांकि इंदौर में महिला के साथ डिजिटल अरेस्ट के मामले में क्राइम ब्रांच ने 17वें आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया है।

चार दिन डिजिटल अरेस्‍ट : बता दें कि अपराधियों ने महिला को चार दिनों तक डिजिटल रूप से बंधक बनाकर रखा गया था। ठगों ने खुद को अलग-अलग अधिकारी बताकर उससे बातचीत की और 1 करोड़ 60 लाख रुपए की ठगी को अंजाम दिया। इस मामले में क्राइम ब्रांच अब तक 100 बैंक खाते फ्रीज कर चुकी है।

क्‍या कहा क्राइम ब्रांच ने : डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश त्रिपाठी ने बताया कि 9 नवंबर 2024 से 12 नवंबर 2024 तक इंदौर की रहने वाली वंदना गुप्ता (59) को डिजिटल अरेस्ट किया गया था। महिला को डरा कर, नकली अधिकारी बनकर, उससे 1 करोड़ 60 लाख रुपए की ठगी की गई थी। अब तक 17 आरोपी गिरफ़्तार हो चुके हैं। गुजरात, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित अन्य स्थानों से आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

अभिषेक चक्रवर्ती से पूछताछ में पता चला था कि स्वपन मोदक नामक व्यक्ति के कहने पर वह अकाउंट लेता-देता है। उसका नाम सामने आने पर तलाश शुरू की गई। उसे पकड़ने के लिए टीम कूचबिहार पहुंची, जहां से स्वपन को गिरफ्तार किया गया। अब आरोपी का पुलिस रिमांड लेकर पूछताछ की जाएगी। प्रारंभिक पूछताछ में उसने माना है कि उसने अकाउंट का लेन-देन किया है।

आरोपी को कितना कमिशन : डीसीपी त्रिपाठी ने बताया कि इसने जो अकाउंट लिया था, उसमें 60 लाख रुपए का ट्रांजैक्शन वेस्ट बंगाल वाले एक खाते में हुआ था। ये जो 60 लाख रुपए थे, ये इंदौर की वारदात के थे, मगर उसके खाते में 1 करोड़ 90 लाख से ज्यादा थे, जो अन्य वारदातों का पैसा था। अभिषेक की तलाश दमन दीव की पुलिस को भी थी। वहां की पुलिस से भी संपर्क किया जाएगा। स्वपन का पुलिस रिमांड लेकर इससे पूछताछ की जाएगी। रिकवरी के लिए खातों को फ़्रीज़ करा दिया गया है। कोशिश की जा रही है कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए।

कौन है स्वपन मोदक : पूछताछ में पता चला है कि पूर्व में स्वपन मोदक प्राइवेट नौकरी करता था और 12वीं तक पढ़ा-लिखा है। वह लोगों से लोन दिलाने के नाम पर संपर्क करता था और उन्हें रुपयों का लालच देकर बैंक खाता देने के लिए तैयार करता था। बैंक खाता दूसरे राज्य भेजने के लिए खाता धारक की फ्लाइट टिकट, होटल आदि की व्यवस्था वही करता था। आरोपी को कमीशन 1 से 2 प्रतिशत मिलता था, यानी 1 करोड़ के ट्रांजैक्शन पर 1 लाख रुपए। आरोपी ने कई लोगों को गैंग में शामिल करने की बात भी कबूल की है। इस मामले में क्राइम ब्रांच आरोपियों से 17 मोबाइल फोन, 12 पासबुक, 8 एटीएम कार्ड, 12 सिम कार्ड, 7 अकाउंट ओपनिंग फॉर्म जब्‍त किए हैं।
Edited By: Navin Rangiyal
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