अष्टांग योग में प्राणायम 4 अंग है। प्राण+आयाम अर्थात प्राणायाम। प्राण का अर्थ है शरीर के अंदर नाभि, हृदय और मस्तिष्क आदि में स्थित वायु जो सभी अंगों को चलायमान रखती है। आयाम के तीन अर्थ है प्रथम दिशा और द्वितीय योगानुसार नियंत्रण या रोकना, तृतीय- विस्तार या लम्बायमान होना। प्राणों को ठीक-ठीक गति और आयाम दें, यही प्राणायाम है। मात्र 5 मिनट रोज प्राणायाम करने से मिलते हैं 5 जबरदस्त फायदे।
'प्राणस्य आयाम: इत प्राणायाम'। 'श्वासप्रश्वासयो गतिविच्छेद: प्राणायाम'-(यो.सू. 2/49)
भावार्थ : अर्थात प्राण की स्वाभाविक गति श्वास-प्रश्वास को रोकना प्राणायाम है।
1. मस्तिष्क में बढ़ता ऑक्सिजन लेवल: प्राणायाम से मस्तिष्क में ऑक्सिजन का लेवल बढ़ जाता है। इसके चलते मस्तिष्क की कार्य क्षमता और मजबूती भी बढ़ती है। यदि किसी भी प्रकार का मानसिक रोग है तो वह मिट जाएगा, जैसे चिंता, घबराहट, बेचैनी, अवसाद, शोक, शंकालु प्रवृत्ति, नकारात्मकता, द्वंद्व या भ्रम आदि।
2. मन में नहीं रहती है उदासी: प्राणायाम करते रहने से मन में कभी भी उदासी, खिन्नता और क्रोध नहीं रहता है। मन हमेशा प्रसन्नचित्त रहता है जिसके चलते आपके आसपास एक खुशनुमा माहौल बन जाता है। आप जीवन में किसी भी विपरीत परिस्थिति से हताश या निराश नहीं होंगे। आप चाहें तो ध्यान को भी अपनी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाकर मस्तिष्क को और भी मजबूत कर सकते हैं।
3. बढ़ती है सोचने की क्षमता: प्राणायाम करते रहने से व्यक्ति की सोच बहुत ही विस्तृत होकर परिष्कृत हो जाती है। परिष्कृत का अर्थ साफ-सुथरी व स्पष्ट। ऐसे में व्यक्ति की बुद्धि बहुत तीक्ष्ण हो जाती है तथा वह जो भी बोलता है, सोच-समझकर ही बोलता है। भावनाओं में बहकर नहीं बोलता है। प्राणायाम से सकारात्मक सोच का विकास होता है। योग करते रहने का प्रभाव यह होता है कि शरीर, मन और मस्तिष्क के ऊर्जावान बनने के साथ ही आपकी सोच बदलती है। सोच के बदलने से आपका जीवन भी बदलने लगता है।
4. भोजन पचने में सहायक: नित्य प्राणायाम करने से भोजन आसानी से पचने लगता है। शरीर के दूषित पदार्थ बाहर निकलने लगते हैं। इससे शरीर निरोगी बना रहता है। प्राणायाम से शरीर को प्राणवायु अधिक मात्रा में मिलती है जिसके कारण यह शरीर के सभी अंगों से दूषित पदार्थों को दूर करता है। आंख, कान और नाक के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी यह प्राणायाम लाभदाय है। वात, पित्त और कफ के दोष दूर होते हैं तथा पाचन संस्थान, लीवर और किडनी की अच्छे से एक्सरसाइज हो जाती है। मोटापा, दमा, टीबी और श्वासों के रोग दूर हो जाते हैं। स्नायुओं से संबंधित सभी रोगों में यह लाभदायक माना गया है।
5. फेंफड़े होते हैं मजबूत: नित्य प्राणायाम करने से फेफड़ों का संक्रमण हो तो वह दूर होता है और फेंफड़े मजबूत होते हैं। तेज गति से श्वास लेने और छोड़ने के क्रम में हम ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन लेते हैं और कॉर्बन डॉयऑक्साइड छोड़ते हैं जो फेफड़ों की कार्य क्षमता को बढ़ाता है और हृदय में रक्त नलिकाओं को भी शुद्ध व मजबूत बनाए रखता है।
6. लम्बी उम्र और यौवन में लाभ: नित्य प्राणायाम करने से यौवन बना रहता है। चेहरे पर चमक बरकरार रहती है। मन, मस्तिष्क और शरीर की शुद्ध के चलते व्यक्ति लंबी उम्र प्राप्त करता है। सदा युवा बने रहने और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए सांसों पर संयम जरूरी है।