पाकिस्तान के भोलारी एयरवेज को जिस ब्रह्मोस मिसाइल ने किया तबाह, जानिए इसकी अनूठी खूबियां
brahmos missile: हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व एयर चीफ मार्शल मसूद अख्तर ने पाकिस्तान के एक न्यूोज चैनल से बातचीत में कहा कि सिंध के भोलारी एयरबेस पर भारत ने 4 ब्रह्मोस मिसाइल से हमला किया। इन हमलों में पाकिस्ता नी एयरफोर्स को तगड़ा नुकसान हुआ और अवाक्स तबाह हो गया। ब्रह्मोस मिसाइल, भारतीय रक्षा बेड़े में एक ऐसा नाम है, जिसने न केवल देश की सुरक्षा को अभेद्य बनाया है, बल्कि क्षेत्रीय संतुलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह सिर्फ एक मिसाइल नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी प्रगति, सैन्य शक्ति और प्रतिरोधक क्षमता का जीता-जागता प्रमाण है। तो आखिर ब्रह्मोस मिसाइल क्यों है इतनी ख़ास? आइए, इसकी अनूठी खूबियों को गहराई से जानते हैं।
क्या है ब्रह्मोस मिसाइल?
ब्रह्मोस, भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम (Joint Venture) का परिणाम है। इसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मोस्कवा नदी के नाम पर रखा गया है, जो दोनों देशों के सहयोग का प्रतीक है। यह एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसका अर्थ है कि यह ध्वनि की गति से भी कई गुना तेज रफ्तार से उड़ान भरती है और अपने लक्ष्य की ओर निरंतर बढ़ती रहती है। इसकी मारक क्षमता, सटीकता और बहुमुखी उपयोगिता इसे दुनिया की सबसे घातक मिसाइलों में से एक बनाती है।
ब्रह्मोस क्यों है ख़ास? जानिए इसकी अनूठी खूबियां:
ब्रह्मोस मिसाइल को कई कारण खास बनाते हैं, जो इसे भारत की रक्षा पंक्ति का एक महत्वपूर्ण अंग बनाते हैं:
1. अविश्वसनीय गति: ब्रह्मोस की सबसे बड़ी खासियत इसकी सुपरसोनिक गति है। यह ध्वनि की गति से लगभग 2.8 से 3.0 गुना (लगभग 3,400 किलोमीटर प्रति घंटा) की रफ्तार से उड़ान भरती है। इस गति के कारण दुश्मन को प्रतिक्रिया करने या इसे रोकने का बहुत कम समय मिलता है, जिससे यह लगभग अप्रतिरोध्य हो जाती है।
2. अचूक निशाना और 'फायर एंड फॉरगेट' क्षमता: ब्रह्मोस अपने लक्ष्य पर पिनपॉइंट सटीकता के साथ वार करती है। यह 'फायर एंड फॉरगेट' (Fire and Forget) सिद्धांत पर काम करती है, यानी लॉन्च होने के बाद इसे किसी और मार्गदर्शन की आवश्यकता नहीं होती। यह अपने आंतरिक नेविगेशन सिस्टम का उपयोग करके सीधे लक्ष्य तक पहुंचती है, जिससे मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता कम हो जाती है।
3. बहुमुखी लॉन्च क्षमता: ब्रह्मोस को जमीन, समुद्र और वायु – तीनों प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है, जो इसे अद्वितीय सामरिक लचीलापन प्रदान करता है:
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थल सेना (Army): मोबाइल ऑटोनॉमस लॉन्चर (MAL) से।
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नौसेना (Navy): युद्धपोतों और पनडुब्बियों से।
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वायुसेना (Air Force): सुखोई-30 MKI जैसे लड़ाकू विमानों से, जिससे इसकी पहुंच और मारक क्षमता कई गुना बढ़ जाती है।
4. निम्न राडार क्रॉस-सेक्शन : ब्रह्मोस को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह दुश्मन के राडार से बचकर निकलने में माहिर है। इसका कम राडार क्रॉस-सेक्शन इसे पता लगाना बेहद मुश्किल बना देता है, जिससे यह अपने लक्ष्य तक undetected पहुंच सकती है।
5. उच्च गतिशीलता: यह मिसाइल अपनी उड़ान के दौरान भी दिशा बदल सकती है और जटिल युद्धाभ्यास कर सकती है। यह क्षमता इसे दुश्मन के मिसाइल रक्षा प्रणालियों और एंटी-मिसाइल वारहेड्स को चकमा देने में मदद करती है।
6. विनाशकारी शक्ति: इसकी अत्यधिक गति और लगभग 300 किलोग्राम तक के पारंपरिक वारहेड ले जाने की क्षमता इसे किसी भी लक्ष्य (चाहे वह युद्धपोत हो, बंकर हो या कोई अन्य रणनीतिक ठिकाना) को नष्ट करने में सक्षम बनाती है। इसका गतिज बल ही इतना होता है कि यह बिना वारहेड के भी भारी नुकसान पहुंचा सकती है।
भारतीय रक्षा में ब्रह्मोस का महत्व:
भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना में ब्रह्मोस का शामिल होना देश की प्रतिरोधक क्षमता को अभूतपूर्व स्तर पर ले गया है। यह दुश्मन के लिए एक बड़ा डर (deterrent) है। विशेष रूप से भारत-पाकिस्तान संघर्ष के संदर्भ में, ब्रह्मोस की उपस्थिति भारतीय सशस्त्र बलों को एक महत्वपूर्ण सामरिक बढ़त प्रदान करती है। यह न केवल शत्रु के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने की क्षमता को मजबूत करती है, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की स्थिति को भी और सशक्त बनाती है।