शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. मध्यप्रदेश
  4. Madhya Pradesh is realizing the dreams of Baba Saheb Ambedkar
Last Modified: सोमवार, 14 अप्रैल 2025 (10:20 IST)

बाबा साहेब आंबेडकर की कल्पनाओं को साकार करता मध्यप्रदेश

बाबा साहेब आंबेडकर की कल्पनाओं को साकार करता मध्यप्रदेश - Madhya Pradesh is realizing the dreams of Baba Saheb Ambedkar
भोपाल। डॉ. भीमराव आंबेडकर भारत के महान विधिवेत्ता,एक दूरदर्शी चिंतक और समाज सुधारक थे। उन्होंने एक ऐसे राज्य की कल्पना की थी जो समानता, न्याय और मूलभूत अधिकारों को हर नागरिक के लिए सुनिश्चित करे। डॉ.आंबेडकर वंचितों, शोषितों, मजदूर, किसान, पिछड़े समाज और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए संकल्पित थे, उनका यह आग्रह देश के संविधान में भी दिखाई पड़ता है। डॉ. आंबेडकर के चिंतन और संघर्ष का मूल उद्देश्य सामाजिक न्याय, समानता और सम्मान के साथ सभी का खुशहाल जीवन था। मध्यप्रदेश में बड़ी आबादी अनुसूचित जातियों, जनजातियों और पिछड़े वर्गों की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में डॉ. आंबेडकर की संकल्पना को साकार करते हुए राज्य सरकार वंचित और गरीब वर्गों के सर्वंगीण विकास और खुशहाल जीवन के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव संविधान दिवस (26 नवम्बर) पर मध्यप्रदेश में निवेश लाने के लिए अपने यूके-जर्मनी दौरे के बीच लंदन में उस स्थान पर पहुंचे जहां 1920 के दशक में डॉ. आंबेडकर ने निवास किया था। डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा पर उन्होंने माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए तथा संविधान की प्रस्तावना का वाचन भी किया। दरअसल भारतीय संविधान की प्रस्तावना एक उद्घोषणा है, जो संविधान की मूल भावना, उद्देश्यों और आदर्शों को दर्शाती है। यह संविधान के उद्देश्यों की आधारशिला है। प्रस्तावना में समस्त नागरिकों के लिये सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का संकल्प दिखाया गया है और प्रदेश उन संकल्पों को पूरा करने के लिए कृतसंकल्प है।

मध्यप्रदेश में डॉ. भीमराव आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू में हुआ था और राज्य उनके विचारों को साकार करने वाली भूमि के रूप में पहचान बना रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने जनकल्याणकारी कार्यो से यह सुनिश्चित किया है कि वंचित वर्गों के लिए संचालित कार्यक्रम और योजनाओं को डॉ. आंबेडकर की अपेक्षाओं के अनुरूप व्यवहारिक जीवन और नीति निर्माण में भी उतारा जाए। भारत एक कल्याणकारी राज्य है, जिसका उद्देश्य सभी नागरिकों, विशेष रूप से गरीब वर्ग के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपनी लोक कल्याणकारी योजनाओं का लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चिंतन के अनुरूप ‘सबका साथ और सबका विकास’ को बनाया है।

सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के रूप में विकसित होगा महू का सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय-
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि डॉ. आंबेडकर की जन्म स्थली महू में स्थापित डॉ. भीमराव अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय को ‘सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस’ के रूप में विकसित किया जाएगा। डॉ. आंबेडकर शिक्षा को जीवन का सबसे ताकतवर हथियार मानते थे। उनके लिए शिक्षा सिर्फ व्यक्तिगत तरक्की का साधन नहीं अपितु सामाजिक परिवर्तन, समानता और न्याय का रास्ता थी। उन्होंने शिक्षा को दलितों, पिछड़ों और शोषित वर्गों के लिए मुक्ति का द्वार बताया था। उनका मानना था कि उच्च शिक्षा संस्थान वैज्ञानिक, शिक्षाविद, विचारक और जिम्मेदार नागरिक तैयार करते हैं। अब डॉ. आंबेडकर से प्रेरणा लेकर सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस से उत्कृष्ट विद्यार्थी निकल सकेंगे।

पंच तीर्थ की यात्रा कराएगी सरकार
म.प्र. के महू में डॉ. आंबेडकर स्मारक के साथ कई अन्य स्थान भी हैं, जो उनके संघर्ष और योगदान को याद दिलाते हैं। यह स्थल पूरे देश के लिए गौरव और प्रेरणा का स्रोत हैं। महू डॉ. आंबेडकर के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। देश विदेश से लाखों लोग यहां पर आते है। मध्यप्रदेश सरकार डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर की स्मृति में पंच तीर्थो−उनके जन्म स्थान, दीक्षा स्थल, कर्मभूमि, शिक्षा स्थल और जहां उनका महा-परिनिर्वाण हुआ था। सरकार मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत इन पंच तीर्थों बाबा साहेब की जन्मस्थली महू, दीक्षा भूमि नागपुर, महा-परिनिर्वाण स्थली दिल्ली, चैत्य भूमि मुंबई और यूके के लंदन में स्थित पढ़ाई के समय का उनका निवास स्थल शामिल हैं।

सागर जिले के करीब ढाई सौ वर्ग किलोमीटर आरक्षित वन क्षेत्र को प्रदेश का 25वाँ अभयारण्य घोषित किया है। संविधान के शिल्पकार डॉ.आंबेडकर के पर्यावरण संरक्षण के प्रति आग्रह को याद करते हुए अभयारण्य का नाम डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम से रखा गया है। अभयारण्य के गठन से वन एवं वन्य-प्राणियों का संरक्षण एवं संवर्धन होगा। इस अभयारण्य से पारिस्थितिकीय तंत्र में खाद्य श्रृंखला सुदृढ़ होगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

प्रदेश का सबसे लम्बा फ्लाई ओवर ब्रिज डॉ. आंबेडकर के नाम
सेतु केवल दो स्थानों को जोड़ने वाली संरचना नहीं होती बल्कि यह संपर्क, विकास और विश्वास का प्रतीक होता है। देश के हृदय प्रदेश की राजधानी भोपाल के हृदय-स्थल कहे जाने वाले महाराणा प्रताप नगर में बने प्रदेश के सबसे (2.73 किमी) लंबे फ्लाई-ओवर का नामकरण बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम पर कर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अनेकता में एकता और सामाजिक समरसता का संदेश दिया है।

डॉ. आंबेडकर पशुपालन विकास योजना, किसान समृद्धि की नई पहल
समता और समानता के पैरोकार रहे डॉ.आंबेडकर के नाम पर राज्य सरकार ने किसानों की समृद्धि के लिए ‘डॉ. आंबेडकर पशुपालन विकास योजना’ को मंजूरी दी। पशुपालन और डेयरी, कृषि आधारित अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाते हैं, अपितु आधुनिक भारत में भी एक बड़ा आर्थिक क्षेत्र है। पशुपालन एवं डेयरी और डॉ. भीमराव आंबेडकर का संबंध मुख्य रूप से समाज के आर्थिक उत्थान और सामाजिक न्याय से जुड़ा हुआ है। डॉ. आंबेडकर ने हमेशा सामाजिक और आर्थिक समानता की बात की और समाज के प्रत्येक वर्ग को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में कार्य किया। पशुपालन और डेयरी उद्योग को उन्होंने आर्थिक स्वतंत्रता के एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में देखा, विशेष रूप से दलित, जनजातीय और पिछड़े समुदायों के लिए।

डॉ. आंबेडकर ने समाज में समानता और सशक्तिकरण के लिए जो मार्गदर्शन दिया, वह मध्यप्रदेश में विकास की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो, इसके लिए राज्य सरकार लोक-कल्याण के व्यापक कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव, डॉ.आंबेडकर की कल्पनाओं को साकार करते हुए सुशासित प्रदेश की अवधारणा पर प्रदेश के विकास को तीव्र गति से आगे बढ़ा रहे है। उनके नेतृत्व में मध्यप्रदेश में समान अवसर और समावेशी विकास की योजनाओं ने उसे एक सशक्त और प्रगतिशील राज्य बना दिया है। मध्यप्रदेश डॉ. आंबेडकर के सिद्धांतों के अनुरूप आगे बढ़ रहा है।
 
ये भी पढ़ें
लता मंगेशकर का परिवार लुटेरों का गिरोह! समाज का भला नहीं किया, कांग्रेस नेता ये क्या कह दिया