नीम करोली बाबा ने हनुमान चालीसा को लेकर कही थी बड़ी बात, क्यों पढ़ना चाहिए नियमित?
Hanuman chalisa: नीम करोली बाबा एक चमत्कारिक बाबा थे। वे एक सीधे सादे सरल व्यक्ति थे। वे हनुमानजी के परम भक्त थे और कहते थे कि राम जपा करो राम। उत्तराखंड के नैनीताल के पास कैंची धाम में बाबा नीम करौली 1961 में पहली बार यहां आए और उन्होंने यहां आश्रम बनाया। नीम करोली बाबा का समाधि स्थल नैनीताल के पास पंतनगर में है। यह एक ऐसी जगह है जहां कोई भी मुराद लेकर जाए तो वह खाली हाथ नहीं लौटता। यहां बाबा का समाधि स्थल भी है। यहां यहां बाबा नीम करौली की भी एक भव्य मूर्ति स्थापित की गयी है। यहां हनुमानजी की मूर्ति भी है।
क्या कहा नीम करोली बाबा ने हनुमान चालीसा के बारे में?
नीम करोली बाबा को लोग हनुमानजी का अवतार मानते थे। वे हमेशा राम नाम जपते रहते थे। ऐसा कहा जाता है कि नीम करोली बाबा ने हनुमान चालीसा पढ़ने के संबंध में अपने भक्तों से खास बात की थी। वे कहते थे कि यह हनुमान चालीसा एक महामंत्र है जो सभी तरह के कष्टों का निवारण करती है। यदि इस प्रतिदिन पढ़ा जाए तो संकट आपको छू भी नहीं सकता है। यह जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने वाला पाठ है। नियमित तौर पर हनुमान चालीसा पढ़ने से व्यक्ति के जीवन के हर क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव होते हैं और इसी के साथ ही उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। उसे हर कार्यों में सफलता मिलती है। नीम करोली बाबा ने कहा है हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति धनवान बनता है और सुखी जीवन जीता है।
देवभूमि कैंची धाम आश्रम:
कहा जाता है कि समर्थ रामदास गुरु के बाद सबसे ज्यादा हनुमान मंदिरों का निर्माण नीम करोली बाबा ने ही करवाया था जिसमें से 108 हनुमान मंदिरों के निर्माण का उल्लेख मिलता है और जिसमें कैंची धाम आश्रम भी शामिल है। 15 जून को देवभूमि कैंची धाम में मेले का आयोजन होता है और यहां पर देश-विदेश से बाबा नीम करौली के भक्त आते हैं। इस धाम में बाबा नीम करौली को भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है। यह एक ऐसी जगह है जहां कोई भी मुराद लेकर जाए तो वह खाली हाथ नहीं लौटता। यहां बाबा का समाधि स्थल भी है।
बाबा नीम करौली ने इस आश्रम की स्थापना 1964 में की थी। बाबा नीम करौली 1961 में पहली बार यहां आए और उन्होंने अपने पुराने मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिलकर यहां आश्रम बनाने का विचार किया था। देश-विदेश से हजारों भक्त यहां हनुमान जी का आशीर्वाद लेने आते हैं। बाबा के भक्तों ने इस स्थान पर हनुमान का भव्य मंदिर बनवाया। यहां बाबा नीम करौली की भी एक भव्य मूर्ति स्थापित की गयी है।