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Last Updated : मंगलवार, 6 मई 2025 (19:37 IST)

Gujarat: Waqf धोखाधड़ी मामले में Ed ने दर्ज की प्राथमिकी, कई स्थानों पर मारे छापे

Gujarat: Waqf धोखाधड़ी मामले में Ed ने दर्ज की प्राथमिकी, कई स्थानों पर मारे छापे - ED raided many places in Waqf fraud case
अहमदाबाद। प्रवर्तन निदेशालय (Ed) ने गुजरात में कुछ वक्फ संपत्तियों में वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में मंगलवार को राज्य में कई स्थानों पर छापे मारे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। ईडी ने इस संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) अधिनियम (PMLA) के तहत एक मामला दर्ज किया है। अहमदाबाद पुलिस द्वारा सलीम खान जुम्मा खान पठान, मोहम्मद यासर अब्दुलहामिया शेख, महमूद खान जुम्मा खान पठान, फेज मोहम्मद पीर मोहम्मद चोबदार और शहीद अहमद याकूभाई शेख के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए ईडी ने पीएमएलए के तहत यह मामला दर्ज किया है।
 
ईडी के अनुसार इन आरोपियों ने अवैध रूप से खुद को 'कांच की मस्जिद न्यास' और 'शाह बड़ा कसम न्यास' का न्यासी होने का दावा किया था। सूत्रों ने बताया कि अहमदाबाद क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा आरोपियों और उनके सहयोगियों के गुजरात भर में लगभग 9 परिसरों पर छापेमारी की जा रही है। एजेंसी के सूत्रों के अनुसार आरोपियों ने फर्जी पट्टा समझौते किए, किराएदारों से जबरन किराया वसूला और वक्फ बोर्ड को झूठा हलफनामा प्रस्तुत किया। ईडी ने आशंका जताई है कि आरोपियों ने ट्रस्ट की जमीन पर दुकानें बनाकर उससे किराया वसूला और अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) एवं वक्फ बोर्ड के साथ धोखाधड़ी व साजिश कर व्यक्तिगत लाभ कमाया।ALSO READ: National Herald case : गांधी परिवार की बढ़ेगी टेंशन, क्‍या 661 करोड़ की संपत्ति होगी जब्त, ईडी ने मांगी अनुमति
 
भूखंड मूल रूप से कांच की मस्जिद ट्रस्ट का था : सूत्रों ने बताया कि कांच की मस्जिद के समीप स्थित एक भूखंड मूल रूप से कांच की मस्जिद ट्रस्ट का था। सूत्रों के अनुसार यह जमीन कई साल पहले एएमसी को इस समझौते के तहत दी गई थी कि इसका इस्तेमाल 2 उर्दू स्कूलों के निर्माण के लिए किया जाएगा। इसका उद्देश्य कक्षा 1ली से 7वीं तक के स्थानीय बच्चों को शिक्षा प्रदान करना था।
 
यह स्कूल वर्ष 2001 के भूकंप के दौरान क्षतिग्रस्त हो गया था और बाद में 2009 में गिरा दिया गया था। वर्ष 2008 से 2025 के बीच यहां लगभग 150-200 मकान और 25-30 दुकानें अवैध रूप से बनाई गईं। इन अचल संपत्तियों से हर महीने आरोपी व्यक्तियों द्वारा किराया वसूला जाता था, लेकिन ट्रस्ट के खाते में जमा नहीं किया जाता था।ALSO READ: महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामले में ईडी का बड़ा एक्शन, सह संस्थापक के परिसरों समेत कई राज्‍यों में की छापेमारी
 
सूत्रों के अनुसार उन लोगों पर आरोप है कि उन्होंने ट्रस्ट के पैसे और जमीन को हड़प लिया, जो मूल रूप से सामुदायिक कल्याण के लिए थी। आरोपी ने ट्रस्टीशिप का झूठा दावा करने के लिए 2024 में गांधीनगर में वक्फ बोर्ड को एक फर्जी हलफनामा प्रस्तुत किया। ईडी ने आशंका जताई है कि इसका इस्तेमाल बोर्ड और एएमसी दोनों को गुमराह करने के लिए किया गया था। हाल ही में केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन अधिनियम लागू किया है जिसे लेकर सरकार का दावा है कि इससे वक्फ संपत्तियों के लेन-देन में पारदर्शिता आएगी जबकि विपक्ष ने इसे असंवैधानिक बताया है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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