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Written By WD Feature Desk
Last Modified: सोमवार, 5 मई 2025 (17:24 IST)

रवींद्रनाथ टैगोर जयंती 2025: प्रेम, जीवन और मनुष्यता पर टैगोर के कालजयी विचार, पढ़िए 20 बेस्ट कोट्स

रवींद्रनाथ टैगोर जयंती 2025: प्रेम, जीवन और मनुष्यता पर टैगोर के कालजयी विचार, पढ़िए 20 बेस्ट कोट्स - Rabindranath Tagore Motivational Quotes in hindi
Rabindranath Tagore Motivational Quotes in hindi: हर साल 7 मई को और बंगाली कैलेंडर के अनुसार बैसाख के 9वें दिन हम रवींद्रनाथ टैगोर जयंती के रूप में उस महान आत्मा को श्रद्धांजलि देते हैं, जिन्होंने भारतीय साहित्य, संगीत, शिक्षा और दर्शन को नई दिशा दी। साल 2025 में यह दिन और भी खास है, क्योंकि आज के बदलते समय में टैगोर के विचार पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हो गए हैं। टैगोर न सिर्फ पहले भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता थे, बल्कि वे एक ऐसे युगद्रष्टा थे जिनकी लेखनी ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया। उनकी कविताएं, कहानियां, उपन्यास, और गीतों ने आत्मा की गहराइयों को छूने की शक्ति रखी है। लेकिन टैगोर की सबसे बड़ी ताकत उनके विचार थे, जो जीवन, प्रेम, आत्मा, समाज और प्रकृति को एक साथ जोड़ते हैं।
 
इस लेख में हम टैगोर के जीवन-दर्शन और 20 प्रसिद्ध उद्धरणों को आधुनिक संदर्भ में समझने का प्रयास करेंगे। यह लेख उन सभी के लिए है जो प्रेरणा की तलाश में हैं और आत्मा की गहराइयों से जुड़ना चाहते हैं।
 
टैगोर: विचारों का प्रकाशस्तंभ
रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता में हुआ था। वे केवल कवि नहीं थे; वे एक दार्शनिक, समाज-सुधारक, संगीतकार, चित्रकार और शिक्षाविद् भी थे। उन्होंने शांति निकेतन की स्थापना की, जहां शिक्षा को जीवन से जोड़ने की कोशिश की गई। वे मानते थे कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान देना नहीं, बल्कि आत्मा को आज़ाद करना है। टैगोर की सोच जीवन को संपूर्णता में देखती थी – जहां कला, विज्ञान, धर्म, और सामाजिक उत्तरदायित्व सब एक साथ चलते हैं। वे कहते थे, "जहां मन भयमुक्त हो और मस्तक ऊंचा रहे, वहीं असली स्वतंत्रता है।" यह विचार आज भी सामाजिक और मानसिक स्वतंत्रता की खोज करने वालों के लिए दीपस्तंभ है।
 
प्रेम, प्रकृति और आत्मा: टैगोर की लेखनी के मूल तत्व
टैगोर की कविताओं और उद्धरणों में एक बात समान है, उनमें दिल की गहराई, प्रेम की निश्छलता और जीवन के प्रति समर्पण दिखता है। वे कहते हैं कि प्रेम केवल भावना नहीं, बल्कि आत्मा की सबसे बड़ी अभिव्यक्ति है। उनके कई उद्धरण हमें यह सिखाते हैं कि प्रकृति से जुड़ाव ही सच्चा जीवन है, और मनुष्य तभी समृद्ध हो सकता है जब वह अपने भीतर झांके और आत्मा की आवाज सुने।
 
रवींद्रनाथ टैगोर के 20 प्रेरणादायक उद्धरण- जीवन, प्रेम और समाज पर
1. "जहां मन डर से मुक्त हो, वहीं असली स्वराज है।"
 
2. "हर बच्चा ईश्वर का यह संकेत है कि वह अभी भी इंसान से उम्मीद करता है।"
 
3. "तितली महीनों नहीं, पल जीती है – लेकिन उसका हर पल आनंद से भरा होता है।"
 
4. "आप मुस्कुराए बिना किसी को नहीं जीत सकते।"
 
5. "प्रेम वह अंतिम सत्य है जो इस दुनिया की आत्मा को एकजुट करता है।"
 
6. "अगर आप सभी गलतियों के लिए दरवाज़े बंद कर देंगे, तो सच्चाई भी अंदर नहीं आ पाएगी।"
 
7. "आस्था पक्षी की तरह है, जो अंधेरे में भी उजाले का आभास देती है।"
 
8. "सपनों को साकार करने का सबसे अच्छा तरीका है – जाग जाना।"
 
9. "पानी को शब्दों में नहीं बांधा जा सकता, जैसे प्रेम को तर्क में नहीं समाया जा सकता।"
 
10. "आप जो कुछ भी हैं, वही आपके विचारों का परिणाम है।"
 
11. "हम यह सोचकर जीवन जीते हैं कि समय है, लेकिन समय नहीं रुकता – केवल हम रुकते हैं।"
 
12. "बड़ा बनने का रास्ता सेवा से होकर जाता है।"
 
13. "संगीत वह अनकही भाषा है, जो आत्मा से आत्मा को जोड़ती है।"
 
14. "प्रकृति हमारी पहली शिक्षिका है, और प्रेम उसकी पहली पाठशाला।"
 
15. "जो खुद को खोज लेता है, वो पूरी दुनिया को पा लेता है।"
 
16. "हर दिन एक नया जन्म है, अगर हम उसे सही दृष्टि से देखें।"
 
17. "बिना संघर्ष के कोई सार्थक उपलब्धि संभव नहीं है।"
 
18. "शांति बाहर नहीं, हमारे भीतर का विषय है।"
 
19. "कला आत्मा का परिधान है।"
 
20. "ज्ञान का सही उपयोग तभी है जब वह सेवा में लगे।"
 
आधुनिक संदर्भ में टैगोर के विचारों की प्रासंगिकता
आज जब पूरी दुनिया टेक्नोलॉजी, सोशल मीडिया और तेज़ जीवनशैली में उलझी हुई है, टैगोर की विचारधारा हमें रुकने, सोचने और फिर जीवन को समझने का अवसर देती है। टैगोर हमें बताते हैं कि सच्चा जीवन संतुलन में है, शरीर, मन और आत्मा के बीच। उनका यह दृष्टिकोण हमें यह भी सिखाता है कि प्रेरणा व्यक्ति के बाहर नहीं, भीतर है। इसलिए टैगोर के ये उद्धरण केवल पढ़ने योग्य पंक्तियां नहीं, बल्कि जीने योग्य मार्गदर्शन हैं। 


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