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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शुक्रवार, 11 अप्रैल 2025 (11:38 IST)

महात्मा ज्योतिराव फुले जयंती, जानें उल्लेखनीय कार्य और प्रेरक विचार

महात्मा ज्योतिराव फुले जयंती, जानें उल्लेखनीय कार्य और प्रेरक विचार - Jyotiba Phule Jayanti 2025
जन्म : 11 अप्रैल 1827
निधन- 28 नवंबर 1890
 
Jyotiba Phule: महात्मा ज्योतिराव फुले या ज्योतिबा फुले की जयंती हर साल 11 अप्रैल को मनाई जाती है। 2025 में, यह तिथि शुक्रवार, 11 अप्रैल को पड़ रही है। यहां जानते हैं उनके बारे में...ALSO READ: हनुमान जयंती ही सही शब्द है जन्मोत्सव नहीं?
 
महात्मा ज्योतिराव फुले के बारे में: महात्मा ज्योतिराव गोविंदराव फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 में हुआ था। वे 19वीं सदी के एक महान भारतीय समाज सुधारक, विचारक, समाजसेवी, लेखक और दार्शनिक थे। उन्हें महाराष्ट्र में सामाजिक सुधार आंदोलनों का एक महत्वपूर्ण व्यक्ति माना जाता है।
 
महात्मा ज्योतिराव फुले का समाज सुधार के क्षेत्र में योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने और समानता स्थापित करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनकी जयंती हमें उनके महान कार्यों और विचारों की याद दिलाती है और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करती है। 1888 में, उनके सामाजिक कार्यों को देखते हुए उन्हें 'महात्मा' की उपाधि से सम्मानित किया गया था। उनका निधन 28 नवंबर 1890 हो हुआ था। 
 
ज्योतिराव फुले के उल्लेखनीय कार्य:
शिक्षा के महत्व पर जोर: उनका मानना था कि शिक्षा ही सामाजिक बुराइयों को दूर करने और प्रगति लाने का सबसे महत्वपूर्ण साधन है। उन्होंने सभी के लिए शिक्षा की वकालत की।
 
महिलाओं की शिक्षा: ज्योतिबा फुले ने अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले के साथ मिलकर 1848 में पुणे में लड़कियों के लिए भारत का पहला स्वदेशी स्कूल खोला। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा के महत्व को पहचाना और इसके लिए कड़ा संघर्ष किया। सावित्रीबाई फुले भारत की पहली महिला शिक्षिका बनीं।
 
दलितों का उत्थान: उन्होंने दलितों और समाज के अन्य वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई। उन्होंने अस्पृश्यता और जातिगत भेदभाव का पुरजोर विरोध किया।
 
सत्यशोधक समाज की स्थापना: 24 सितंबर 1873 को, ज्योतिबा फुले ने दलितों और निर्बल वर्ग को न्याय दिलाने के लिए 'सत्यशोधक समाज' (सत्य की खोज करने वाला समाज) की स्थापना की। इस संगठन का उद्देश्य सामाजिक समानता और न्याय स्थापित करना था।
 
विधवा पुनर्विवाह : उन्होंने विधवा पुनर्विवाह का समर्थन किया और बाल विवाह का विरोध किया।
 
किसानों के अधिकार: फुले ने किसानों की समस्याओं को उठाया और उनके अधिकारों के लिए संघर्ष किया।
 
ज्योतिबा फुले के 4 प्रेरक विचार:
 
* शिक्षा स्त्री और पुरुष दोनों के लिए समान रूप से आवश्यक है।
 
* जाति और धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव करना अन्याय है।
 
* सभी मनुष्य समान हैं।
 
* अज्ञानता सभी बुराइयों की जड़ है।

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