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कहीं आप भी तो नहीं WAR Anxiety के शिकार? जानें क्या हैं इसके लक्षण

कहीं आप भी तो नहीं WAR Anxiety के शिकार? जानें क्या हैं इसके लक्षण - what is war anxiety  ways to deal with it
आज के दौर में, जहां वैश्विक तनाव और युद्ध की आशंकाएं बढ़ रही हैं, कई लोग एक अनजाने डर और चिंता का सामना कर रहे हैं, जिसे WAR Anxiety कहा जाता है। यह स्थिति युद्ध, हिंसा, या वैश्विक अस्थिरता की खबरों और सोशल मीडिया, खासकर मोबाइल और व्हाट्सएप के अत्यधिक उपयोग से और बढ़ रही है। आइए जानते हैं कि WAR Anxiety क्या है, इसके लक्षण क्या हैं, और इससे कैसे निपटा जा सकता है। 
WAR Anxiety क्या है?
WAR Anxiety एक प्रकार की चिंता (Anxiety) है, जो युद्ध, आतंकवाद, या वैश्विक संकट की खबरों, चर्चाओं, या आशंकाओं के कारण उत्पन्न होती है। यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है, जब लोग मोबाइल फोन और व्हाट्सएप पर लगातार ऐसी खबरों, वीडियो, या मैसेज के संपर्क में रहते हैं। समाचार चैनल, सोशल मीडिया, और व्हाट्सएप ग्रुप्स में फैलने वाली अफवाहें इस चिंता को और बढ़ा देती हैं। यह न केवल मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि व्यक्ति की दिनचर्या और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर डालती है।
WAR Anxiety सामान्य चिंता से अलग होती है, क्योंकि यह वैश्विक घटनाओं से जुड़ी होती है, जिन पर व्यक्ति का कोई नियंत्रण नहीं होता। मोबाइल और व्हाट्सएप का अत्यधिक उपयोग इस डर को और गहरा सकता है, क्योंकि लोग हर समय नई जानकारी या अफवाहों के संपर्क में रहते हैं। 
WAR Anxiety के लक्षण: WAR Anxiety के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं: 
 
लगातार चिंता और डर: युद्ध या हिंसा की खबरों और व्हाट्सएप पर वायरल मैसेज के बारे में बार-बार सोचना, भविष्य को लेकर डर महसूस करना।
WAR Anxiety क्यों बढ़ रही है?
आज के डिजिटल युग में, मोबाइल फोन और व्हाट्सएप ने सूचनाओं को तुरंत लोगों तक पहुंचाना आसान कर दिया है। लेकिन इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी हैं:
मोबाइल और व्हाट्सएप का अत्यधिक उपयोग: लोग दिन-रात मोबाइल पर खबरें देखते हैं या व्हाट्सएप पर वायरल मैसेज और वीडियो शेयर करते हैं, जिससे चिंता बढ़ती है।
 
WAR Anxiety एक ऐसी स्थिति है, जो आज के समय में मोबाइल और व्हाट्सएप के अत्यधिक उपयोग के कारण और बढ़ रही है। यह न केवल मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित करती है। अगर आप या आपके आसपास कोई इस तरह की चिंता का सामना कर रहा है, तो समय रहते इसे पहचानें और उपाय करें। अपनी मानसिक शांति को प्राथमिकता दें, मोबाइल और व्हाट्सएप का उपयोग सीमित करें, और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं। याद रखें, आप अकेले नहीं हैं, और सही कदम उठाकर इस चिंता से बाहर निकला जा सकता है।
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