Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बुधवार को कहा कि नक्सलवाद के खात्मे के लिए सरकार पूरी ताकत और समर्पण के साथ काम कर रही है। मुख्यमंत्री साय ने बैठक में कहा, केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में नक्सल उन्मूलन का कार्य तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है और यह लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक पूर्ण करने का संकल्प है। हमारे सुरक्षा बलों का साहस, समर्पण और रणनीति के साथ काम करना इस दिशा में बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा, बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसी सांस्कृतिक गतिविधियों में जनता की जबरदस्त भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि लोग विकास से जुड़ना चाहते हैं और नक्सलवाद की विचारधारा से दूर होना चाहते हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री साय की अध्यक्षता में बुधवार को बस्तर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष प्रेरणा में संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें साय ने विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को हितग्राही मूलक योजनाओं का सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिकता से निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर के विकास की यात्रा अब ठहराव नहीं बल्कि निरंतर गति की मांग करती है। उन्होंने कहा, हमारा प्रयास है कि अंतिम छोर तक योजनाओं का लाभ पहुंचे और हर हितग्राही तक शासन की पहुंच सुनिश्चित हो। साय ने कहा कि बस्तर अब पिछड़ेपन का प्रतीक नहीं बल्कि नए भारत की संभावनाओं का प्रवेश द्वार बन रहा है और यहां का हर गांव, हर परिवार विकास की मुख्यधारा से जुड़े, यही हमारा लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि आयुष्मान, आधार, आवास और विद्युतीकरण जैसी योजनाएं केवल सरकारी परियोजनाएं नहीं, बल्कि आमजन की गरिमा और सुरक्षा की गारंटी हैं। साय ने कहा, बस्तर के युवा हमारी सबसे बड़ी पूंजी हैं। हम उन्हें सिर्फ कौशल नहीं, स्वाभिमान देना चाहते हैं। अब हमारा मंत्र है, हर घर में उजाला, हर हाथ में रोजगार और हर दिल में विश्वास। यही बस्तर की नई पहचान होगी और यहीं से छत्तीसगढ़ की विकास गाथा को नई ऊंचाई मिलेगी।
मुख्यमंत्री साय ने बैठक में कहा, नक्सलवाद के खात्मे के लिए सरकार पूरी ताकत और समर्पण के साथ काम कर रही है। केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में नक्सल उन्मूलन का कार्य तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है और यह लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक पूर्ण करने का संकल्प है। हमारे सुरक्षा बलों का साहस, समर्पण और रणनीति के साथ काम करना इस दिशा में बड़ी उपलब्धि है।
साय ने कहा कि इस बात की आवश्यकता है कि सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के कारण यह और भी आवश्यक हो जाता है कि हम व्यक्तिगत लाभ आधारित योजनाओं को प्राथमिकता दें और प्रत्एक परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त करें।
उन्होंने कहा, बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसी सांस्कृतिक गतिविधियों में जनता की जबरदस्त भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि लोग विकास से जुड़ना चाहते हैं और नक्सलवाद की विचारधारा से दूर होना चाहते हैं। हमें इसी विश्वास को और मजबूत करना है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जनप्रतिनिधियों की शिकायतों को गंभीरता से लें, उन्हें सम्मान दें, और धैर्यपूर्वक उनकी बातों को सुनें।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों में प्रशासनिक कुशलता के साथ मानवीय संवेदनशीलता भी आवश्यक है और बस्तर संभाग की जनता का विश्वास हमारी सबसे बड़ी पूंजी है और हमें पूरी निष्ठा के साथ उनके कल्याण के लिए कार्य करना है। साय ने कहा कि बस्तर में उद्योग की स्थापना को लेकर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, महिलाओं और स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देते हुए उद्योग नीति में ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिनसे स्थानीय लोगों को रोजगार और स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में अपूर्ण योजनाओं को जल्द पूरे करने के प्रयास किए जा रहे हैं और जगदलपुर हवाई अड्डे से नियमित उड़ानें शुरू करने की दिशा में कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों सहित अन्य अधोसंरचना परियोजनाओं पर भी गति लाई जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अरूण देव गौतम और अन्य अधिकारी मौजूद थे। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour