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Last Updated : सोमवार, 7 अप्रैल 2025 (19:26 IST)

कार और बाइक्स की कीमतों में डिस्काउंट, तो हुई रिकॉर्ड बिक्री, जानिए क्या रहा मार्च का आंकड़ा

कार और बाइक्स की कीमतों में डिस्काउंट, तो हुई रिकॉर्ड बिक्री, जानिए क्या रहा मार्च का आंकड़ा - Auto retail sales up 6.5 Percentage in FY25  March plays spoilsport, says Fada
ऑटोमोबाइल कंपनियों की ओर से गाड़ियों के दाम पर दी गई छूट, कीमत बढ़ने की संभावना, मजबूत त्योहारी खरीद, नए मॉडल की लॉन्चिंग और बेहतर वेरिएंट की उपलब्धता की बदौलत इस वर्ष मार्च में यात्री वाहनों की कुल बिक्री इसके पिछले वर्ष की समान अवधि के 3 लाख 29 हजार 946 इकाई के मुकाबले 6.26 प्रतिशत की बढ़ोतरी लेकर 3  लाख 50 हजार 603 इकाई पर पहुंच गई।
 
ऑटोमोबाइल डीलरों के संगठन फाडा की सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार कंपनियों ने मार्च 2025 में तीन लाख 50 हजार 603 यात्री वाहनों की बिक्री की, जो मार्च 2024 के तीन लाख 29 हजार 946 इकाई से 6.26 प्रतिशत अधिक है। वहीं, यह आंकड़ा फरवरी 2025 के ती लाख तीन हजार 398 मुकाबले 15.56 प्रतिशत बढ़कर तीन लाख 50 हजार 603 इकाई पर पहुंच गई। इसी तरह 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2024-25 में यात्री वाहनों की कुल बिक्री 41 लाख 53 हजार 432 इकाई रही, जो वित्त वर्ष 2023-24 के 39 लाख 60 हजार 602 इकाई से 4.87 प्रतिशत अधिक है।
 
रिपोर्ट के अनुसार, देश में मार्च 2025 में दुपहिया वाहनों की बिक्री में 1.77 प्रतिशत की गिरावट आई और यह मार्च 2024 के 15 लाख 35 हजार 398 इकाई से घटकर 15 लाख आठ हजार 232 इकाई पर आ गई। इस अवधि में तिपहिया वाहनों की बिक्री एक लाख पांच हजार 352 से 5.67 प्रतिशत गिरकर 99 हजार 376 इकाई रह गई।
 
आलोच्य अवधि में यात्री इलेक्ट्रिक रिक्शा की बिक्री को भी 3.38 प्रतिशत का झटका लगा और यह 37 हजार 359 से कम होकर 36 हजार 97 इकाई पर आ गई। हालांकि इस दौरान मालवाहन ई.रिक्शा की बिक्री 5094 से 41.77 प्रतिशत की बढ़ोतरी लेकर 7222 इकाई पर पहुंच गई। मालवाहक तिपहिया वाहनों की बिक्री 14 हजार 483 से 24.04 प्रतिशत लुढ़ककर 11 हजार एक, यात्री तिपहिया वाहनों की बिक्री 48 हजार 318 से 6.93 प्रतिशत फिसलकर 44 हजार 971 इकाई तथा निजी तिपहिया वाहनों की बिक्री 98 से घटकर 85 इकाई पर आ गई।
 
क्या कहा फाडा ने 
फाडा ने बताया कि मार्च 2025 में ट्रैक्टरों की बिक्री में भी 5.71 प्रतिशत की गिरावट रही और यह 78 हजार 495 इकाई से घटकर 74 हजार 13 इकाई पर आ गई। हालांकि आलोच्य अवधि में वाणिज्यिक वाहनों (सीवी) की बिक्री का प्रदर्शन मजबूत रहा और यह 92 हजार 292 से 2.68 प्रतिशत की बढ़ोतरी लेकर 94 हजार 764 इकाई पर पहुंच गया।
 
इस दौरान हल्के वाणिज्यिक वाहनों (एलसीवी) की बिक्री 49 हजार 617 से 5.57 प्रतिशत बढ़कर 52 हजार 380 इकाई, मध्यम वाणिज्यिक वाहनों (एमसीवी) की बिक्री 6404 से 12.43 प्रतिशत उछलकर 7200 इकाई पर पहुंच गई। वहीं, भारी वाणिज्यिक वाहनों (एचसीवी) की बिक्री 30,942 के मुकाबले 4.87 प्रतिशत गिरकर 29,436 इकाई पर आ गई।इस अवधि में अन्य वाहनों की बिक्री 5329 से 7.86 प्रतिशत प्रतिशत बढ़कर 5,748 इकाई पर पहुंच गई। इस तरह आलोच्य अवधि में सभी प्रकार के वाहनों की कुल बिक्री 21 लाख 41 हजार 483 इकाई से 0.68 प्रतिशत कम होकर 21 लाख 26 हजार 988 इकाई पर आ गई।
 
फाडा ने बताया कि वित्तीय वर्ष के आधार पर तुलना करें तो यात्री वाहनों (पीवी) की बिक्री में 4.87 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और यह वित्त वर्ष 2023-24 के 39 लाख 60 हजार 602 इकाई से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 41 लाख 53 हजार 432 इकाई हो गई। इस अवधि में दुपहिया वाहनों की बिक्री एक करोड़ 75 लाख 27 हजार 115 से 7.71 प्रतिशत बढ़कर एक करोड़ 88 लाख 77 हजार 812 इकाई और तिपहिया वाहनों की 11 लाख 67 हजार 986 से 4.54 प्रतिशत की बढ़ोतरी लेकर 12 लाख 20 हजार 981 इकाई हो गई।
 
आलोच्य अवधि में यात्री तिपहिया वाहनों की बिक्री पांच लाख 13 हजार 328 से 8.64 प्रतिशत चढ़कर पांच लाख 57 हजार 693 इकाई और मालवाहक तिपहिया वाहनों की एक लाख 22 हजार 298 से 0.27 प्रतिशत बढ़कर एक लाख 22 हजार 624 इकाई, निजी तिपहिया वाहनों की बिक्री 913 से 8.54 प्रतिशत उछलकर 991 इकाई हो गई। वहीं, यात्री ई.रिक्शा की बिक्री चार लाख 90 हजार 662 से 3.27 प्रतिशत घटकर चार लाख 74 हजार 635 इकाई पर आ गई जबकि मालवाहक ई.रिक्शा की बिक्री 40 हजार 785 के मुकाबले 59.47 प्रतिशत की छलांग लगाकर 65 हजार 38 इकाई पर पहुंच गई।
 
इस अवधि में ट्रैक्टर की बिक्री 1.04 प्रतिशत गिर गई और यह आठ लाख 92 हजार 410 से घटकर आठ लाख 83 हजार 95 और सीवी की बिक्री 10 लाख 10 हजार 324 से 0.17 प्रतिशत फिसलकर 10 लाख आठ हजार 623 पर आ गई। हालांकि एलसीवी की बिक्री पांच लाख 62 हजार 26 से 0.21 प्रतिशत उठकर पांच लाख 63 हजार 189 और एमसीवी की 73 हजार 142 से 6.05 प्रतिशत उछलकर 77 हजार 568 इकाई हो गई।
 
वहीं, एचसीवी की बिक्री 3,26,150 के मुकाबले 4.07 प्रतिशत की गिरावट लेकर 3,12,892 इकाई पर आ गई। इस दौरान अन्य वाहनों की बिक्री में 12.18 प्रतिशत की बढत रही और यह 49 हजार छह से बढ़कर 54 हजार 974 इकाई पर पहुंच गई। इस तरह आलोच्य अवधि में सभी प्रकार के वाहनों की कुल बिक्री दो करोड़ 45 लाख 58 हजार 437 की तुलना में 6.46 प्रतिशत की बढ़ोतरी लेकर दो करोड़ 61 लाख 43 हजार 943 इकाई हो गई।
 
फाडा के अध्यक्ष सी. एस. विग्नेश्वर ने वित्त वर्ष 2025 के लिए ऑटो खुदरा क्षेत्र के प्रदर्शन और मार्च 2025 की बिक्री के आंकड़ों को लेकर कहा कि यह साल भारतीय ऑटो खुदरा उद्योग की अनुकूलन क्षमता और लचीलापन का परिचायक रहा, जिसने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद स्थिर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष25 में यात्री वाहनों की बिक्री में 4.87 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो लगभग हमारे पांच प्रतिशत के अनुमान के अनुसार ही रही। वहीं, दुपहिया वाहनों के लिए अपेक्षित दहाई अंकों की वृद्धि नहीं मिल सकी और यह 7.71 प्रतिशत पर आकर रुकी। वाणिज्यिक वाहनों में स्थिति और भी स्थिर रही, जिसमें 0.17 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
विग्नेश्वर ने कहा कि इस वर्ष ग्रामीण बाजारों का प्रदर्शन खासा प्रभावशाली रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में दुपहिया वाहनों  बिक्री में 8.39 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो शहरी क्षेत्रों की 6.77 प्रतिशत की वृद्धि से बेहतर रही। तिपहिया वाहनों में भी ग्रामीण इलाकों में 8.70 प्रतिशत की बढ़त देखी गई जबकि शहरी बाजार में यह आंकड़ा मात्र 0.28 प्रतिशत रहा।
 
फाडा अध्यक्ष ने कहा कि मार्च 2025 की शुरुआत कमजोर रही, जिसका मुख्य कारण खरमास को माना गया। हालांकि, महीने के अंतिम सप्ताह में नवरात्रि, गुड़ी पड़वा, ईद और मूल्यह्रास लाभों जैसे कारकों से बिक्री में उल्लेखनीय सुधार हुआ। कुल मिलाकर मार्च में सालाना आधार पर 0.7 प्रतिशत की गिरावट और मासिक आधार पर 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, सभी खंडों में डीलरों ने बिना सहमति के तय किए गए 'उच्च लक्ष्य' को लेकर चिंता जताई।
 
विग्नेश्वर ने ओईएम और डीलर नेटवर्क के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर ज़ोर दिया, जिससे व्यावहारिक लक्ष्यों की स्थापना की जा सके और खुदरा नेटवर्क को भ्रम और वित्तीय दबाव से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि दुपहिया वाहन श्रेणी को त्योहारी छूट और शादी के मौसम से कुछ बल मिला लेकिन मूल्य वृद्धि, कमजोर ग्रामीण मांग और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण सालाना आधार पर गिरावट दर्ज हुई। इसी तरह यात्री वाहन श्रेणी में नए मॉडल और छूट ने बिक्री को बढ़ावा दिया लेकिन कुछ डीलरों ने अवास्तविक लक्ष्य और क्षेत्रीय असमानता को लेकर चिंता जताई। इसके चलते इन्वेंट्री स्तर 50-55 दिनों तक बढ़ गया।
 
फाडा अध्यक्ष ने बताया कि सीवी श्रेणी में गुड़ी पड़वा डिलीवरी, सहायक फाइनेंसिंग और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की वजह से अच्छा प्रदर्शन रहा। हालांकि उपलब्धता और लक्ष्य संबंधी समस्याएं भी सामने आईं। उन्होंने कहा कि अप्रैल की शुरुआत में ऑटो डीलर मिश्रित भावना के साथ बाजार में उतरे हैं। एक ओर जहां क्षेत्रीय त्योहारों और शादी के मौसम से बिक्री को बल मिलने की उम्मीद है वहीं दूसरी ओर मौसम विभाग की गर्मी की चेतावनी, वैश्विक व्यापार तनाव और उपभोक्ता भावना में गिरावट चिंता का विषय बने हुए हैं।
 
 विग्नेश्वर ने सर्वे के हवाले से बताया कि लगभग 50 प्रतिशत डीलर अप्रैल में स्थिर बिक्री की उम्मीद कर रहे हैं। एक तिहाई से अधिक डीलर हल्की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। लगभग 60 प्रतिशत डीलरों ने बुकिंग पाइपलाइन कमजोर रहने की बात कही है। फाडा ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए दुपहिया वाहन श्रेणी में मध्यम से उच्च एकल अंकों की वृद्धि और यात्री वाहन एवं सीवी श्रेणी में कम एकल अंकों की वृद्धि का अनुमान जताया है। आगामी मॉडल लॉन्च और इलेक्ट्रिक वाहनों में रुचि से उम्मीदें बंधी हुई हैं।
 
फाडा अध्यक्ष ने हालांकि चालू वित्त वर्ष में सख्त ऋण नियम और महंगा फाइनेंसिंग वातावरण, बढ़ी कीमतें, वैश्विक व्यापार तनाव और टैरिफ युद्ध की आशंका, शेयर बाजार की अस्थिरता से निवेशकों की डिस्पोजेबल इनकम पर असर पड़ने जैसी चुनौतियों की ओर इशारा किया है। इनपुट एजेंसियां Edited by: Sudhir Sharma 
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