ड्राइंग के टीचर मिस्टर केवलदास फटीचर एक कवि हैं साहित्य के क्षितिज में उभरते हुए रवि हैं इश्क-मुहब्बत पर लिखते हैं लम्बी आहें भरते हैं दिनभर लड़कियों को लाइन मारते हैं रातभर जागते हैं कक्षा में नींद सता रही थी सपने में पॉप सिंगर सामंता फॉक्स आ रही थी
ड्यूटी से ऊबे हुए स्वर में नींद से डूबे हुए स्वर में छात्रों को आदेश दिया अपना मनपसंद हसीन चित्र बनाओ
पूछने पर थोड़ी व्याख्या के साथ चित्र के भाव समझाओ फिर वे कुर्सी पर सो गए रंगीन सपनों में खो गए
थोड़ी देर बाद छात्रों के शोर से नींद हुई डिस्टर्ब चिल्लाए जोर से अनुशासन पर लेक्चर झाड़ा कुछ सीधे-सादे छात्रों को जमकर लताड़ा फिर आई कॉपी जाँचने की बारी देखनी चाही छात्रों की कारगुजारी
पहले छात्र और गुरुवर दोनों की थी एक ही राशि अतः जम के मिली शाबाशी जिसे देख आ जाए अच्छे-अच्छों को पसीना कॉपी पर बनी थी एक फिल्मी हसीना चित्र के भाव पर गुरु ऐसे बह गए कि छात्र चुप रहा व्याख्या स्वयं कह गए
अब था दूसरे छात्र का चाँस वह भी था काफी एडवांस छात्र के चेहरे पर मुस्कुराहट सनी थी जी हाँ, कॉपी पर एक कुर्सी बनी थी समझदार गुरु-चेले का दृष्टिकोण पहचान गए
कुर्सी काफी हसीन है बिना तर्क के ही मान गए कॉपी पर पेंसिल से बने गोले का
छात्र नंबर तीन रोटी का चित्र कह रहा था और अपने आपको गरीबों का मित्र कह रहा था यह बात थी काफी संगीन मान ही लेना पड़ा कि रोटी है हसीन अब थी नंबर चार की बारी
गुरु ने देखनी चाही उसकी कारगुजारी उसकी कॉपी पर कुछ भी नहीं बना था मगर वह गुरु के आगे तना था उसने जो दी सफाई गुरु की बुद्धि चकराई
छात्र ने कहा कॉपी पर भारतीय आजादी की तस्वीर बनाई है मगर नजर आएगी कैसे क्या देश में कहीं नजर आई है? यह चित्र बेहतरीन है आजादी बहुत हसीन है।