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Written By DW
Last Updated : गुरुवार, 1 मई 2025 (08:08 IST)

पहलगाम हमले के 8 दिन बाद भारतीय नेतृत्व में कैसी सुगबुगाहट

पहलगाम हमले के जवाब में भारत द्वारा सैन्य कार्रवाई का अंदेशा व्यक्त किया जा रहा है। जानिए इस समय आ रहे अलग अलग संकेतों के क्या मायने निकाल रहे हैं जानकार।

पहलगाम हमले के 8 दिन बाद भारतीय नेतृत्व में कैसी सुगबुगाहट - flurry of meetings in india over likely action against pakistan
चारु कार्तिकेय
पहलगाम हमले के बाद भारत में बैठकों का सिलसिला जारी है। बुधवार 30 अप्रैल को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई। यह इस समिति की दूसरी बैठक थी। पहली बैठक 23 अप्रैल को हुई थी। यह समिति राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सभी बड़े फैसले लेती है।
 
सीसीएस की बैठक के बाद राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीपीए) और आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) की भी बैठक हुई। सभी बैठकों की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। इन बैठकों के बीच सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के पुनर्गठन की भी घोषणा की।
 
क्या भारत कुछ करने वाला है?
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का मुख्य काम सुरक्षा मामलों का लॉन्ग टर्म विश्लेषण करना और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद् (एनएससी) द्वारा उसके पास भेजे गए विषयों पर सुझाव देना है। खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख आलोक जोशी को इसका अध्यक्ष बनाया गया है।
 
यह सारे कदम ऐसे समय पर उठाए गए हैं जब पहलगाम हमले के बाद भारत की तरफ से पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई का अंदेशा व्यक्त किया जा रहा है। मोदी पहले ही कह चुके हैं कि भारत पहलगाम के हमलावरों का "धरती के अंत तक पीछा करेगा" और "पहचान कर, ट्रैक कर उन्हें सजा देगा।"
 
मंगलवार को मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया था कि मोदी ने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक में सेना को भारत की प्रतिक्रिया के "तरीके, लक्ष्य और समय का फैसला लेने के लिए पूरी आजादी" दी है। इसके बाद से कयास लगाया जा रहा है कि भारत जल्द ही कोई कदम उठा सकता है।
 
इस बीच पाकिस्तान ने दावा किया है कि भारत जल्द ही उस पर सैन्य हमला कर सकता है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्ला तरार ने बुधवार को एक बयान जारी कर दावा किया कि इस्लामाबाद के पास "विश्वसनीय जानकारी है कि भारत का अगले 24 से 36 घंटों के बीच पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने का इरादा है।" उन्होंने यह भी कहा कि भारत "पहलगाम हमले में पाकिस्तान के शामिल होने को लेकर निराधार और मनगढ़ंत आरोपों को इस कार्रवाई का आधार बनाएगा।"
 
क्या भारत को दुनिया का समर्थन है?
मोदी सरकार पर पहलगाम हमले के बाद कड़े कदम उठाने का दबाव है। कई लोग इस तरह के बयान सार्वजनिक रूप से दे चुके हैं कि 2019 में पुलवामा हमले की प्रतिक्रिया देने में भारत को 12 दिन लग गए थे लेकिन इस बार इतना समय नहीं लगना चाहिए।
 
यूरोपियन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस एशिया प्रोग्राम की मेलिसा लेविलौन का कहना है कि मोदी ने "2019 में दिखा दिया था कि वो बल का इस्तेमाल कर सकते हैं और इस बार वो इस क्षमता की पुष्टि कर रहे हैं।" हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि "यह स्पष्ट नहीं है कि भारतीय क्या चाहते हैं, विशेष रूप से यह देखते हुए कि पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी समूहों के समर्थन में तेज गिरावट आई है।"
 
हालांकि कई समीक्षकों का यह भी कहना है कि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करेगा या नहीं। इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप के विश्लेषक प्रवीण दोंथी के मुताबिक भारत को दुनिया के कई देशों से समर्थन मिला है और अगर वो उनसे प्रोत्साहित महसूस करता है तो वो हमला कर सकता है।"
 
अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हस्तक्षेप की संभावना कम है। न्यूयॉर्क के द सूफान सेंटर की कॉलिन क्लार्क कहती हैं, "अमेरिका की थाली यूक्रेन, गाजा और ईरान संधि की वजह से भरी हुई है, जिससे चीन को यह मौका मिल सकता है कि वो इस संकट में कुछ करे। लेकिन चीन और पाकिस्तान के करीबी रिश्तों के मद्देनजर इसकी कम ही संभावना है कि भारत, चीन पर एक मध्यस्थ के रूप में भरोसा करेगा।"
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